सभी पांच राज्यों की वोटिंग खत्म होने के बाद एग्जिट पोल के नतीजे आ गए हैं। सभी एग्जिट पोल में उत्तर प्रदेश में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है। एग्जिट पोल के नतीजों से भाजपा की विपक्षी पार्टियों में खलबली मचने लगी है और मतदान नतीजे आने से पहले ही आरोप-प्रत्यारोप का काम भी शुरू हो गया है। यूपी में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के एक मंत्री ने कांग्रेस के साथ गठबंधन को समाजवादी पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजह बताया। अखिलेश यादव सरकार में परिवार कल्याण मंत्री रविदास महरोत्रा ने लखनऊ सेंट्रल से चुनाव लड़ा, जहां कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार मरूफ खान को खड़ा किया हुआ था। हालांकि कांग्रेस ने दावा किया कि उन्होंने मरुफ को पर्चा वापस लेने के लिए कहा था।

सपा मंत्री ने आरोप लगाया कि समाजवादी उम्मीदवार के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार के खड़े हो जाने के कारण सपा को तो नुकसान हुआ ही, साथ ही विरोधी पार्टी भाजपा के लिए भी चुनाव आसान हो गया। कांग्रेस उम्मीदवार मरुफ ने भी कहा था कि एक ही सीट पर गठबंधन पार्टियों के उम्मीदवार खड़े होने का फायदा भाजपा उम्मीदवार ब्रजेश पाठक को मिला, जो चुनाव से ठीक पहले ही बसपा को छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। सपा मंत्री ने कहा, “यह मेरी निजी राय है कि हमें कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के कारण नुकसान झेलना पड़ा। गठबंधन से कांग्रेस को जरूर फायदा हुआ होगा लेकिन समाजवादी पार्टी को बिलकुल नहीं हुआ।”

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रविदास महरोत्रा ने कहा कि उन्हें लगता है कि अगर गठबंधन ना हुआ होता तो समाजवादी पार्टी अकेले ही सरकार बनाने में सक्षम थी, क्योंकि लोगों ने अखिलेश सरकार को एक और मौका देने का मन बना लिया था। उन्होंने कहा, “मेरी व्यक्तिगत राय है कि कांग्रेस से गठबंधन से नुकसान हुआ। जनता का मूड बन चुका था अखिलेश को चीफ मिनिस्टर बनाने का।” महरोत्रा के बयान पर कांगेस के सीनियर प्रवक्ता सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता यह पूरी पार्टी की राय है। यह एक मंत्री की निजी राय है जो मरुफ खान के चुनाव लड़ने के कारण खफा हैं।