Indian Railway Child Ticket: एक साल के बच्‍चों को रेलवे में सफर करने पर किराया वसूल किया जाता है? फैली इस अफवाह को पढ़कर समाजवादी पार्टी के मुखिया व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्विटर पर पोस्‍ट करते हुए लिखा कि ”रेलवे अब गरीबों का नहीं रहा। 1 साल के बच्चों पर फ़ुल रेल टिकट लगाने वाली भाजपा सरकार का शुक्र मनाना चाहिए कि उसने ये नहीं कहा कि गर्भवती महिला से रेल में अतिरिक्त टिकट वसूला जाएगा।”

हालाकि इसके बाद PIB India के ट्वि‍टर हैंडल से जानकारी दी गई कि ट्रेन में यात्रा करने वाले बच्चों के लिए टिकट बुकिंग संबंधी नियम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यात्रियों के लिए टिकट खरीदना और 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बर्थ बुक करना ऑप्‍शनल है। 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए मुफ्त यात्रा की अनुमति है, अगर कोई बर्थ बुक नहीं किया गया है तो, लेकिन अगर बर्थ बुक किया जाता है तो उसके लिए बर्थ का पूरा चार्ज देना होगा।

रेल मंत्रालय के दिनांक 06.03.2020 के एक परिपत्र में कहा गया है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों को मुफ्त में ले जाया जाएगा। हालांकि, अलग बर्थ या सीट (कुर्सी कार में) नहीं दी जाएगी। इसलिए किसी भी टिकट की खरीद की आवश्यकता नहीं है बशर्ते अलग बर्थ का दावा न किया जाए। हालाकि अगर 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए स्वैच्छिक आधार पर बर्थ या सीट मांगी जाती है तो पूर्ण वयस्क किराया वसूल किया जाएगा।

पीआईबी की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया है कि हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट, जिनमें दावा किया गया है कि भारतीय रेलवे ने ट्रेन में यात्रा करने वाले बच्चों के लिए टिकट बुकिंग के संबंध में नियम बदल दिया है। इन रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अब एक से चार साल की उम्र के बच्चों को ट्रेन में सफर करने के लिए टिकट लेना होगा।

PIB ने कहा कि ये समाचार आइटम और मीडिया रिपोर्ट भ्रामक हैं। जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय रेलवे ने ट्रेन में यात्रा करने वाले बच्चों के लिए टिकटों की बुकिंग के संबंध में कोई बदलाव नहीं किया है। यात्रियों की मांग पर उन्हें टिकट खरीदने और अपने 5 साल से कम उम्र के बच्चे के लिए बर्थ बुक करने का विकल्प दिया गया है। और अगर वे अलग बर्थ नहीं चाहते हैं तो यह मुफ़्त में सफर कर सकते हैं।