प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना की तरह ही किसानों की मदद के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। जिसमें एक योजना है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना। इस योजना से किसानों को प्राकृतिक आपदा या फिर किसी दूसरी तरह खराब होने वाली फसल के एवज में मुआवजा दिया जाता है। लेकिन इस योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को पहले बीमा कराना होता है। जिसके बाद ही उन्हें लाभ दिया जाता है। अगर आप भी फसल बीमा योजना के जरिए अपनी पूंजी को सुरक्षित रखना चाहते हैं। तो आपको प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में इंश्योरेंस कराना होगा। आइए जानते हैं इस योजना के बारे में….
फसल बीमा की ये है आखिरी तारीख – रबी की फसल के बीमा कराने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2021 है। अगर आप इस तारीख तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में इंश्योरेंस नहीं कराते। तो आपको इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। वहीं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वित्त वर्ष 2020-21, 2021-2022 और 2022-2023 के क्रियान्वयन के लिए गाइडलाइंस भी जारी की जा चुकी है।
फसल बीमा के लिए कितना देना होता है प्रीमियम- अगर आप फसल को प्राकृतिक आपदा और किसी अन्य जोखिम से बचना चाहते हैं। तो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एक बेहतर विकल्प है। इसके लिए आपको पीएम फसल बीमा योजना के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जहां रबी की प्रमुख फसलों गेहूं, जौ, मसूर और सरसों के लिए 1.5 परसेंट और आलू के लिए 5 परसेंस प्रीमियम की दर तय की गई है।
नुकसान होने पर क्या करें किसान? दरअसल जब भी किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचता है, तो उन्हें 72 घंटे के अंदर-अंदर क्रियान्वयन अभिकरण/ संबंधित बैंक ब्रांच और कृषि व संबंधित विभाग को हालात का ब्योरा देना होता है। वहीं वो हैल्प लेने के लिए Toll Free No. 1800-889-6868 पर कॉन्टैक्ट कर सकते हैं। इसके अलावा डिफाल्टर किसान भी फसल बीमा करवा सकते हैं। उनका बीमा भी 1.5 परसेंट प्रीमियम पर ही होगा। केंद्र और राज्य मिलकर बाकी रकम की पेमेंट करेंगे।
किसानों को 90 हजार करोड़ का क्लेम मिलता – सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत 13 जनवरी 2016 को की थी। वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का दावा है कि, प्रीमियम के तौर पर भुगतान किए गए हर 100 रुपये पर किसानों को 537 रुपये का क्लेम दिया गया है। साथ ही उन्होंने बताया कि, दिसंबर 2020 तक किसानों ने 19 हजार करोड़ रुपये का बीमा प्रीमियम भरा। इसके बदले उन्हें लगभग 90 हजार करोड़ रुपये का क्लेम मिला।