देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार की शाम राष्ट्र को संबोधित करते हुए बड़े ऐलान भी किए। जिसमें देश के 80 करोड़ लोगों को दिवाली तक मुफ्त राशन देना भी शामिल था। मुफ्त राशन की योजना पिछले साल कोरोना वायरस की पहली वेव के दौरान की गई थी, जिसका नाम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना रखा गया था। जिसे अब दिवाली तक के लिए बढ़ा दिया गया है। वहीं इसकी कुछ शर्तें भी हैं। फ्री में राशन के लिए आपको एक डॉक्यूमेंट दिखाना होगा। अगर आपके पास वो डॉक्यूमेंट नहीं होगा तो आप इस योजना से महरूम रह जाएंगे। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर वो कौन सा डॉक्यूमेंट है।
देश के करीब 80 करोड़ लोगों को दीपावली तक पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त में अनाज मिलेगा। जिसकी घोषणा खुद सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है। वास्तव में देश में कोरोना की दूसरी लहर की वजह से देश के गरीब तबके की आर्थिक स्थिति पर काफी बुरा असर पड़ा है। वहीं कोरोना की तीसरी लहर की खबरें सुनने को मिल रही है। जिसकी वजह से इस योजना को दिवाली तक बढ़ा दिया गया है, ताकि गरीब और जरूरतमंदों को अनाज ना होने की वजह से भूखा ना रहना पड़े।
किनको मिलेगा अनाज, क्या है शर्त : वास्तव में यह योजना देश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए हैं। जो सड़कों पर रहते हैं कूड़ा उठाते हैं, फेरी वाले, रिक्शा चालक, प्रवासी मजदूर है। जिनका गुजारा काम करने के बाद भी काफी मुश्किल से होता है। उन्हीं लोगों को इस योजना के तहत प्राथमिकता दी जाती है। लेकिन इसमें भी शर्त यह है कि आपके पास राशन कार्ड होना अनिवार्य है या आपका नाम राशन कार्ड में होना जरूरी है। उन्हीं लोगों को इस योजना का लाभ ले सकते हैं बाकी लोग नहीं।
कितना मिलेगा मुफ्त अनाज : नियम के अनुसार जिन लोगों के पास राशन कार्ड है वो 5 किलो अनाज मुफ्त में ले सकते हैं। मौजूदा समय में देश में राशनकार्डधारकों की संख्या 80 करोड़ है। राशन कार्ड धारकों को जितना अनाज उनके कार्ड के आधार पर मिलता है उसके अतिरक्ति अनाज 5 किलो अनाज मुफ्त में दिया जाएगा। खास बात तो यह है कि राशन कार्ड पर जितने लोगों का नाम दर्ज होता है उतने लोगों को पांच किलो अनाज मुफ्त में मिलता है। किसी परिवार के राशन कार्ड पर पांच लोगों का नाम दर्ज है तो उसे 5 किलो के हिसाब से 25 किलो अनाज मुफ्त में मिलेगा।
4 किलो गेहूं और एक किलो चावल प्रति माह : इस योजना के राशानकार्ड धारकों को तय मात्रा में अनाज दिया जाता है। अगर बात देश की राजधानी दिल्ली की करें तो अगर किसी राशनकार्ड में चार लोगों के नाम दर्ज हैं तो प्रत्येक को 4 किलो गेहूं और 1 किलो चावल प्रति माह दिया जाता है। यानी चार लोगों के परिवार के घर में 16 किलो गेहूं और 4 किलो चावल प्रति माह दिया जा रहा है।
कितने लोगों को मिला फायदा : केंद्र की मोदी सरकार की ओर से पिछले साल 26 मार्च को लॉकडाउन के बाद आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को ध्यान में रखते इस योजना की शुरूआत की थी। जिसके तहत राज्यो और केंद्र शासित प्रदेशों को एफसीआई डिपो से 63.67 लाख मैट्रिक टन से ज्यादा खाद्यान्न प्राप्त हुआ। अगर बात मई 2021 की करें तो देश के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 55 करोड़ लोगों को करीब 28 लाख मैट्रिक टन मुफ्त में अनाज दिया गया।