कोविड-19 के मामलों में कमी, तेज टीकाकरण अभियान और बढ़ती आर्थिक एवं रोजगार दर के साथ देश धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है। ऐसे में एक सर्वेक्षण से पता चला है कि 73 प्रतिशत कर्मचारी पूरे उद्योग में काम के हाइब्रिड मॉडल के पक्ष में हैं। मानव संसाधन समाधान प्रदाता ‘जीनियस कंसल्टेंट्स’ के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 73 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों ने कहा कि वे उद्योगों में इस नए उभरते हाइब्रिड मॉडल के पक्ष में हैं।

सर्वेक्षण की रिपोर्ट में कहा गया कि जैसा कि विभिन्न उद्योगों के अधिकांश संगठनों को महामारी प्रतिबंधों के कारण कर्मचारियों को उनके घर से ही काम करवाने पर मजबूर होना पड़ा था। अधिकांश कर्मचारियों ने कहा कि स्थिति सामान्य होने के बाद भी यह व्यवस्था जारी रहनी चाहिए। इसके अलावा, सर्वेक्षण में पाया गया कि हाइब्रिड मॉडल अच्छा होगा और नियोक्ताओं को ऐसे वातावरण में काम करना जारी रखने की अनुमति देगा जो उन्हें संभव लगता है।

सर्वे के अनुसार, ‘‘इससे कर्मचारियों को समय और पैसे की बचत होगी। यह कंपनियों को कार्यालय खर्च बचाने में भी मदद करेगा।’’ बैंकिंग और वित्त, निर्माण और इंजीनियरिंग, शिक्षा/शिक्षण/प्रशिक्षण, एफएमसीजी, आतिथ्य, मानव संसाधन समाधान, आईटी, आईटीईएस और बीपीओ, लॉजिस्टिक्स, विनिर्माण सहित अन्य क्षेत्रों में अक्टूबर में 1,000 से अधिक उत्तरदाताओं के साथ ऑनलाइन सर्वेक्षण किया गया था।

यही नहीं, सर्वेक्षण में पाया गया कि 71 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों की राय थी कि हाइब्रिड मॉडल का कर्मचारी उत्पादकता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और उन्हें अधिक संसाधनपूर्ण होने में सहायता मिलेगी। दरअसल, कोरोना वायरस संकट के बाद बड़े स्तर पर लोगों ने वर्क फ्रॉम होम (घर से काम) और वर्क फ्रॉम एनीवेयर (कहीं से भी) के कॉन्सेप्ट पर काम किया था। कई सेक्टर्स में यह प्रैक्टिस काफी समय तक चली, जबकि कुछ जगहों पर अभी भी आजमाई जा रही है।

बता दें कि हाइब्रिड वर्क मॉडल एक ऐसी योजना है जिसमें कर्मचारी के ‘शेड्यूल’ में कार्यालय से काम करने और बाहर से काम करने का मिश्रण शामिल होता है। कर्मचारियों के पास विकल्प होते हैं, जिसे वे अपनी सुविधा अनुसार चुन सकते हैं। कर्मचारी यह चुन सकते हैं कि वे कब घर से काम करना चाहते हैं और कब वे कार्यालय में जाकर काम करना चाहते हैं।