देश के विकास में सड़कों का बड़ा योगदान होता है। उसमें भी अगर एक्सप्रेस-वे हो तो किसी भी राज्य की भूमिका काफी अहम हो जाती है। भारत का ह्रदय माने जाने वाले राज्य मध्य प्रदेश में 660 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे बन रहा है। ये मध्य प्रदेश से यूपी, हरियाणा, राजस्थान, तेलंगाना, गुजरात और महाराष्ट्र से जुड़ेगा। वहीं प्रदेश में इतने लंबे एक्सप्रेस-वे के बन जाने से रतलाम, झाबुआ समेत कई जिलों की तस्वीर बदल जाएगी। दरअसल मध्य प्रदेश से दो एक्सप्रेस-वे होकर गुजरेगी जिसकी कुल लंबाई 660 किलोमीटर रहने वाली है।
मध्य प्रदेश से गुजरेगी 4 एक्सप्रेस-वे
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के तहत ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का निर्माण कराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस कॉरिडोर के बन जाने के बाद लोगों का सफर काफी आसान हो जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे के पहले चरण के निर्माण को मंजूरी अक्टूबर 2017 में ही केंद्र सरकार द्वारा मिल गई थी। इस योजना के तहत 25 ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर का निर्माण किया जाना है। इसमें से कुल 4 एक्सप्रेस-वे मध्य प्रदेश से होकर भी गुजरेंगे।
MP में बनेगा 244 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के तहत इंदौर से हैदराबाद के लिए काम काफी पहले ही शुरू हो चुका है। हालांकि अभी कार्य पूरा नहीं हुआ है। इंदौर से हैदराबाद जाने वाला ये एक्सप्रेस-वे महाराष्ट्र और तेलंगाना से होकर गुजरेगा। वहीं इंदौर से लेकर राजस्थान के कोटा तक के लिए भी कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इसकी लंबाई 135 किलोमीटर है। इंदौर से कोटा तक बनने वाले इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे से कोटा में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए काफी सहूलियत हो जाएगी। जबकि ये एक्सप्रेस वे इंदौर से कोटा यूपी के इटावा से होकर गुजरेगा।
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दिल्ली से मुंबई को जाने वाली एक्सप्रेस-वे का महत्वपूर्ण हिस्सा मध्य प्रदेश से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 1386 किलोमीटर है। जिसमें से 244 किलोमीटर मध्य प्रदेश में बनेगा। इस एक्सप्रेस के बनने से हरियाणा, यूपी, गुजरात, दादरा नगर हवेली, राजस्थान और महाराष्ट्र के लोगों को लाभ मिलेगा। जबकि मध्य प्रदेश में मंदसौर, झाबुआ और रतलाम जिलों से होकर ये एक्सप्रेस-वे गुजरेगी।