राशन कार्ड एक बेहद अहम सरकारी दस्तावेजों में से एक है। इसके जरिए केंद्र सरकार सब्सिडी के तहत लोगों को अनाम मुहैया करवाती है। यह कार्ड राज्य सरकारों द्वारा जारी किए जाते हैं। राज्यों के खाद्य विभाग इसे जारी करते हैं। वहीं ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ की व्यस्था अबतक 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू हो चुकी है।
इस व्यवस्था के तहत एक राज्य के लोग दूसरे राज्य में जाकर राशन ले सकते हैं। राशन कार्ड के इतने सारे फायदे हैं लिहाजा हर कोई इसे पानी की फिराक में रहता है। ऐसे में फर्जी राशन कार्ड का खेल भी चलता ही रहता है। नकली दस्तावेजों के आधार पर अपात्र लोगों के भी राशन कार्ड बनवाने के मामले सामने आते ही रहते हैं।
अक्सर देखने को मिलता है कि कुछ लोग राशन कार्ड गलत दस्तावेजों के आधार पर बनवा लेते हैं। ऐसा करना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। फूड सिक्योरिटी एक्ट में फर्जी राशन कार्ड बनवाने पर पांच साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
राशन कार्ड को आधार से जोड़नी की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है। राशन कार्ड योजना का लाभ सही और पात्र लोगों को मिले इसके लिए आधार को राशन से लिंक करवाया जा रहा है जिसकी आखिरी तारीख फिलहाल 30 सितंबर है।
खाद्य विभाग आधार कार्ड की फीडिंग के जरिए फर्जी राशन कार्ड की पहचान करता है। फीडिंग के जरिए विभाग को जिन नकली राशन कार्ड्स का पता चलता है उन्हें तुरंत रद्द कर दिया जाता है और राशन कार्डधारकों की लिस्ट से सदस्यों के नाम हटाने की कार्रवाई की जाती है।

