7th Pay Commission Latest Updates: उत्तर प्रदेश के परिवहन निगम में संविदा कर्मचारियों को अब अपना जनपद छोड़कर दूसरी जगह पर नौकरी के लिए नहीं जाना पड़ेगा। निगम के तैनात लगभग 32 हजार से अधिक कर्मी अपने गृह जनपद में काम कर सकेंगे। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के तहत आने वाले परिवहन विभाग ने परिवहन निगम के संविदा कर्मचारियों को दिवाली उपहार के रूप में गृह क्षेत्र में पारस्परिक तहादला (संविदा चालक और परिचालक) कराने की सुविधा दी है।

प्रदेश के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया के मुताबिक, अब किसी भी संविदा कर्मचारी को अन्य जनपद में जाकर नौकरी नहीं करनी होगी। वे अपनी सुविधानुसार ट्रांसफर के लिए आवेदन कर पाएंगे। विभाग ने सारे जनपदों के आरएम को इस बारे में जानकारी दे दी है। ऐसे में यह दिवाली से पहले सूबे के परिवहन निगम में संविदा कर्मचारियों के लिए यह सुविधा एक बड़े तोहफे के रूप में देखी जा रही है।

राजस्थान में बनेंगे 2525 नए पदः राजस्थान की 26 नवगठित नगरपालिकाओं में विभिन्न स्तर के 2,525 नए पद सृजित होंगे। सीएम अशोक गहलोत ने इन नए पदों के सृजन को मंजूरी दी है। सरकारी बयान के अनुसार इस मंजूरी से इन नई नगरपालिकाओं में कार्यों का सुचारू संचालन होने के साथ ही युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। प्रस्ताव के अनुसार नवसृजित पदों में अधिशाषी अधिकारी चतुर्थ, सहायक राजस्व निरीक्षक, कनिष्ठ अभियंता सिविल, कनिष्ठ लेखाकार, स्वास्थ्य निरीक्षक, नक्शानवीस एवं सर्वेक्षक तथा वरिष्ठ सहायक के 26-26 पद, कनिष्ठ सहायक के 52, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के 78, चौकीदार के 26, सफाई जमादार के 73 तथा सफाई कर्मचारी के 2114 पद शामिल हैं।

उनमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, चौकीदार, सफाई जमादार एवं सफाई कर्मचारियों का कार्य आउटसोर्सिंग के आधार पर करवाया जाएगा।उल्लेखनीय है कि स्वायत्त शासन विभाग ने 2020-21 की बजट घोषणा के अनुसार गठित 17 नगरपालिकाओं, 2013-14 में गठित पांच नगरपालिकाओं, 2016-17 में गठित एक, वर्ष 2017-18 में गठित तीन नगरपालिकाओं के लिए इन नए पदों के सृजन का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था।

केरल में भत्तों में कटौती, प्रदर्शन करेंगे चिकित्सकः केरल में सरकारी चिकित्सक हाल के वेतन संशोधन में विसंगतियों के विरोध में यहां सचिवालय के सामने बारी-बारी से प्रदर्शन करेंगे। वेतन संशोधन में कथित तौर पर उनके भत्तों और कुछ लाभों में कटौती की गई है। केरल सरकारी चिकित्सा अधिकारी संगठन (केजीएमओए) की ओर से शनिवार को यहां कहा गया कि बीते कई महीनों से कोविड-19 के खिलाफ अथक संघर्ष कर रहे चिकित्सक समुदाय की परेशानियों की सरकार द्वारा उपेक्षा की गई और उनके भत्तों में कटौती की गई।

केजीएमओए के अध्यक्ष डॉ जी एस विजयकृष्णन ने आरोप लगाया कि न केवल डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को जोखिम भत्ते से वंचित कर दिया गया, बल्कि जब वेतन संशोधन आया और उनके कई भत्ते वापस ले लिए गए, तो उस अनुपात में कोई वृद्धि नहीं हुई। केजीएमओए की पूर्व अध्यक्ष एस प्रमिला देवी ने बताया कि प्रदर्शन में पारिवारिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला स्वास्थ्य केंद्रों के सैकड़ों चिकित्सक शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने इस आंदोलन की भी अनदेखी की, तो चिकित्साकर्मी 16 नवंबर को सामूहिक अवकाश पर जाएंगे।