दिल्ली की वायु गुणवत्ता (एयर क्वालिटी) सोमवार (एक नवंबर, 2021) को लगातार छठे दिन ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। राष्ट्रीय राजधानी की आबोहवा में मौजूद प्रदूषक पीएम 2.5 में सात प्रतिशत की हिस्सेदारी पराली जलाने की रही। एयर क्वालिटी का पूर्वानुमान लगाने वाली एजेंसी ‘सफर’ ने बताया कि पश्चिम और दक्षिण पश्चिम दिशा से आने वाली हवाओं की वजह से अगले दो दिन में दिल्ली की वायु गुणवत्ता में आंशिक सुधार होगा।

दिल्ली के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में पीएम 2.5 और पीएम 10 प्रदूषक का स्तर दीवाली की रात क्रमश: 250 माइक्रोग्राम और 398 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के स्तर पर पहुंच सकता है।

वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, ‘‘दिल्ली की वायु गुणवत्ता में पांच और छह नवंबर को उल्लेखनीय गिरावट आने का पूर्वानुमान है और इसके ‘बहुत खराब’ श्रेणी में जाने की आशंका है। इस स्थिति के लिए पीएम2.5 प्रदूषक मुख्य रूप से जिम्मेदार होगा।’’ ‘सफर’ ने आगे कहा कि रविवार को दिल्ली के उत्तरी पश्चिमी इलाको में पराली जलाने की 3,971 घटनाएं दर्ज की गईं जो इस मौसम में सबसे अधिक है।

एजेंसी के अनुसार, ‘‘पराली जलाने से निकलने वाले पीएम2.5 (अति सूक्ष्म ठोस कण) का हिस्सा प्रदूषण में कम रहा क्योंकि उनके वहन के लिए हवा की प्रतिकूल परिस्थितियां रहीं।’’ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी)के आंकड़ों से पता चलता है कि राजधानी में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 281 दर्ज किया गया। रविवार को और शनिवार को एक्यूआई क्रमश: 289 और 268 दर्ज किया गया था।

बता दें कि पीएम2.5 और पीएम10 का स्वीकार्य स्तर क्रमश: 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है। शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ”अच्छा”, 51 और 100 के बीच ”संतोषजनक”, 101 और 200 के बीच ”मध्यम”, 201 और 300 के बीच ”खराब”, 301 और 400 के बीच ”बहुत खराब”, तथा 401 और 500 के बीच ”गंभीर” माना जाता है।

सीपीसीबी के मुताबिक एजेंसी ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से प्रदूषण को लेकर आई केवल 11 प्रतिशत शिकायतों का निपटारा 15 अक्टूबर से अब तक किया है। इसी तारीख से यहां वायु गुणवत्ता खराब होने की वजह से श्रेणीवार प्रतिक्रिया कार्ययोजना (जीआरएपी) लागू की गई थी। सीपीसीबी के मुताबिक एजेंसी 15 अक्टूबर से 30 अक्टूबर के बीच दिल्ली और एनसीआर के तहत हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के शहरों से आई 424 शिकायतों में से केवल 47 का निपटारा कर सकी।

एयर क्वालिटी मापने के लिए हैं ये ऐप्सः वैसे, किसी इलाके की एयर क्वालिटी को कई कारक निर्धारित करते हैं। किसी एक जगह के लिए एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) समय, प्रदूषक कितने केंद्रित हैं और हवा में किस प्रकार के प्रदूषक हैं, जैसी विशेषताओं पर निर्भर करता है। आइए जानते हैं कि एंड्रॉयड और आईओएस ऐप्स के जरिए कैसे आप अपने मोबाइल पर ही एयर क्वालिटी को माप सकते हैं:

1- एयर विजुअल (Air Visual)
2- प्लूम एयर रिपोर्ट (Plume Air Report)
3- श्श..ट! स्मोक (Sh**t! Smoke)
4- सफर एयर (SAFAR-Air)

मैकओएस पर देखने का तरीकाः अगर आप मैक (Mac) पर काम करते समय एयर क्वालिटी अपडेट्स देखना चाहते हैं तो एयर (Air) नाम के ऐप को आजमाएं। यह मीन्यू बार में आपके जिप कोड की एयर क्वालिटी को शो करता है।

विंडो पीसी पर यूं करें चेकः विंडो यूजर हैं, तब ‘एयरक्वालिटर’ (Airqualiter) ऐप बेहतरीन विकल्प रहेगा। यह स्टैंडर्ड एक्यूआई ऐप है, जिसमें कई किस्म की जानकारियां आती हैं। आप एक वक्त पर कई सारे शहर को ऐड कर वहां की एयर क्वालिटी चेक कर सकते हैं।