प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 920 करोड़ रुपए से अधिक की प्रगति मैदान एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना (Pragati Maidan Integrated Transit Corridor) का उद्घाटन किया। इस परियोजना में एक सुरंग और पांच अंडरपास शामिल हैं और इसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में भारी यातायात से राहत प्रदान करना है। पीएम मोदी ने एक बयान में कहा कि इस कॉरिडोर से वाहनों को मुक्त वाहनों के आवाजाही में मदद मिलेगी। साथ ही लोगों के आने-जाने में काफी समय का बचत होगा। आइए जानते हैं इस प्रगति मैदान कॉरिडोर से किन राज्यों को लाभ मिलेगा और इसके बारे में पूरी डिटेल।
इन जगहों का ट्रैफिक होगा खत्म
दिल्ली की पहली 1.6 किलोमीटर लंबी सुरंग पूर्वी दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद से इंडिया गेट और अन्य मध्य दिल्ली क्षेत्रों की यात्रा करने वाले यात्रियों को आईटीओ, मथुरा रोड और भैरों मार्ग पर ट्रैफिक जाम की समस्या को दूर करेगी। इसके अलावा, नोएडा, गाजियाबाद और पूर्वी दिल्ली क्षेत्रों से यात्रा करने वाले लोगों को इस सुरंग के माध्यम से इंडिया गेट, सुप्रीम कोर्ट, मथुरा रोड आदि जगहों पर कम समय में बिना ट्रैफिक के आवाजाही होगी।
क्या हैं खूबियां
सुरंग पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम की सुविधा के साथ एक डिजिटल कंट्रोल रूम जैसी नई तकनीक से लैस होगी। सुरंग में सात भूमिगत नाले भी हैं जो स्वचालित रूप से आंधी, बारिश और तूफान के पानी को सुरंग में इकठ्ठा होने से रोकते हुए पानी की निकासी करेंगे। साथ ही टनल में उचित वेंटिलेशन की व्यवस्था की गई है। विशेष रूप से डिजाइन किए गए जर्मन निर्मित बड़े एग्जॉस्ट फैन वेंटिलेशन के लिए लगाए गए हैं।
किन सूबों को मिलेगा लाभ
प्रगति मैदान सुरंग से दिल्ली की व्यस्त सड़कें जुड़ेगी। इससे यहां की ट्रैफिक का भार दूर होगा और इस कारण कई राज्यों को भी लाभ होगा। इस सुरंग से हरियाणा, दिल्ली और यूपी के शहरों को लाभ होगा। साथ ही इन शहरों से दिल्ली की कनेक्टिविटी आसान होगी।
कहां से शुरू होगी और कहां होगी खत्म
सुरंग पुराना किला रोड पर भारत के राष्ट्रीय खेल परिसर (NSCI) के पास से शुरू होती है और पुनर्विकसित प्रगति मैदान के नीचे से गुजरती है और प्रगति पावर स्टेशन के पास रिंग रोड पर समाप्त होती है।
कब शुरू हुआ था निर्माण
सुरंग का निर्माण कार्य मार्च 2018 में शुरू किया गया था और सितंबर 2019 तक पूरा होने वाला था। निर्माण कार्य में शामिल जटिलताओं के कारण इस समय सीमा को जून 2020 तक बढ़ाया गया और बाद में कोविड महामारी के कारण समय सीमा को 2022 तक बढ़ा दिया गया।
पीएम ने क्या कहा
उन्होंने कहा कि आज दिल्ली को केंद्र सरकार की तरफ़ से आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का उपहार मिला है। इतने कम समय में इस कॉरोडोर को तैयार करना आसाना नहीं था। जिन सड़कों के आसपास यह कॉरिडोर बना है, वे सड़कें दिल्ली की सबसे व्यस्त सड़कें हैं।