वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के सबसे नए वेरियंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में फिर से सरकारें पाबंदियां लगाने पर मजबूर हुई हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि तमाम एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हिंदुस्तान में इस महामारी की तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है। ऐसे में कोई भी सूबा या केंद्र प्रशासित क्षेत्र लापरवाही कर बड़ी मुसीबत को न्यौता नहीं देना चाहता। चूंकि, ओमिक्रॉन के आने के बाद कोरोना केस बहुत तेजी से फैल रहे हैं। कहा जा रहा है कि तीसरी लहर पांच गुणी अधिक रफ्तार के साथ आई, लिहाजा सवाल उठने लगा है कि क्या फिर से लॉकडाउन लगेगा?
यह समझने के लिए हमें कोरोना को लेकर देश और दुनिया में मौजूदा ट्रेंड को समझना होगा। देश की राजधानी नई दिल्ली में रात 10 से सुबह पांच बज तक नाइट कर्फ्यू लागू है। स्कूल और कॉलेज फिलहाल बंद हैं। साथ ही वीकेंड कर्फ्यू भी अमल में है, जबकि सरकारी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था चल रही है।
महाराष्ट्र में भी नाइट कर्फ्यू लगा है, पर यह रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक अमल में रहता है। सूबे में 9वीं तक के स्कूलों व कॉलेजों की छुट्टियां कर दी गई हैं, जबकि कार्यक्रमों और समारोहों में कोरोना नियमों के साथ सिर्फ 50 लोगों को जाने की मंजूरी मिल रही है। गुजरात में रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा है। हालांकि, स्कूल और कॉलेज वहां खुले हैं, पर सार्वजनिक जगहों पर जाने के लिए टीकाकरण अनिवार्य है। यानी जिनका वैक्सिनेशन नहीं हुआ है, वे लोग पब्लिक प्लेस में नहीं जा सकते हैं।
मध्य प्रदेश में भी रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा है। स्कूल-कॉलेज 50 फीसदी क्षमता के साथ चलने की अनुमति दी गई है, जबकि बाहर जाने-आने के लिए टीका लगवाना जरूरी है। उत्तर प्रदेश में नाइट कर्फ्यू लगाया जा चुका है, जो कि रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक रहता है। आठवीं तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं। कॉलेजों की भी छुट्टी कर दी गई है। कार्यक्रमों में 200 लोगों को कोरोना नियमों के पालन के साथ शरीक होने की अनुमति दी गई है।
राजस्थान की बात करें तो वहां रात 11 से सुबह पांच बजे तक नाइट कर्फ्यू है। नौ जनवरी से स्कूल और कॉलेजों को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है। समारोहों में 100 लोगों को मंजूरी दी जा रही है, जबकि सार्वजनिक स्थानों पर जाने के लिए टीका लगवाना जरूरी है।
विदेशों में क्या है पाबंदियों की स्थिति?: ओमिक्रॉन जिस दक्षिण अफ्रीका से फैला, वहां शुरू में पाबंदिया लगी थीं। फिलहाल सरकार लॉकडाउन के पक्ष में नहीं दिख रही। उसका कहना है कि यह हल नहीं है। वहीं, चीन का जियान 22 दिसंबर से “लॉक” है। अमेरिका में आधे से अधिक राज्यों में ताजा स्वरूप पैर पसार चुका है, पर वहां बाइडेन प्रशासन ने लॉकडाउन नहीं लगाया। हालांकि, कुछ जगहों पर आंशिक पाबंदिया हैं।
कनाडा के ओंटारियो व क्यूबेक में लॉकडाउन है। स्कूल और इनडोर गतिविधियां तक बंद हैं। कोरोना संबंधी नियम तोड़ने वालों पर छह हजार डॉलर तक का जुर्माना लगाया जा रहा है। यूके में बेशक कोरोना के केस तेजी से अधिक संख्या में सामने आ रहे हों, पर वहां लोग और सरकार लॉकडाउन के समर्थन में नहीं हैं। पीएम जॉनसन भी कह चुके हैं कि वहां स्कूल और काम-धंधे चालू रहेंगे।
कोरोना पर भारत में क्या कहते हैं आंकड़े?: देश में एक दिन में कोरोना के 1,79,723 नए मामले आए हैं। सोमवार (10 जनवरी, 2022) सुबह तक के आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,57,07,727 पर पहुंच गई है। इनमें से अभी तक 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश से आए ओमीक्रोन स्वरूप के 4,033 मामले भी हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक के डेटा के मुताबिक, इलाजरत मरीजों की संख्या बढ़कर 7,23,619 हो गई है, जो करीब 204 दिनों में सबसे अधिक संख्या है, जबकि 146 और मरीजों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 4,83,936 हो गई।
डेटा यह भी बताता है कि ओमीक्रोन के 4,033 मरीजों में से 1,552 स्वस्थ हो गए हैं या देश छोड़कर चले गए हैं। महाराष्ट्र में ओमीक्रोन के सबसे अधिक 1,216 मामले आए। इसके बाद राजस्थान में 529, दिल्ली में 513, कर्नाटक में 441, केरल में 333 और गुजरात में 236 मामले आए।
मंत्रालय के मुताबिक, संक्रमण की दैनिक दर 13.29 प्रतिशत दर्ज की गई है, जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 7.92 प्रतिशत दर्ज की गई। इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 3,45,00,172 हो गयी है जबकि मृत्यु दर 1.36 प्रतिशत है। अभी तक देशव्यापी कोविड-19 रोधी अभियान के तहत 151.94 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है।
लॉकडाउन लगेगा या नहीं?: भारत में फिर से लॉकडाउन की स्थिति आएगी या नहीं…इसे दो थ्योरी की मदद से समझा जा सकता है। पहला- तीसरी लहर के पहले देश में संक्रमण के मामले 3,684 दिन में दोगुणे हो रहे थे, जबकि जनवरी में मामले डबल होने की रफ्तार 454 दिन पर आ पहुंची। एक्सपर्ट्स के अनुसार, जिस तेजी से केस बढ़े, वैसा कभी नहीं हुआ। ऐसे में केंद्र को इस हिसाब से लॉकडाउन लगा देना चाहिए, ताकि केस तेजी से न बढ़ें।
दूसरी थ्योरी कहती है कि इस लहर में फिलहाल अस्पताल में भर्ती होने की दर दूसरी लहर से कम है। कुछ जगहों को छोड़ दें तो हड़कंप वाली स्थिति नहीं मालूम देती है। ऐसे में लॉकडाउन उन सबूों में पहले लगेगा, जिनमें- महाराष्ट्र, दिल्ली और पश्चिम बंगाल आदि हैं। फिर बिहार, यूपी, झारखंड, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा में भी बंदी लग सकती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि वहां आर वैल्यू तीन से अधिक है। बता दें कि आर वैल्यू का अर्थ इस बात से है कि संक्रमित शख्स और कितने लोगों तक कोरोना संक्रमण फैला रहा है।