नए साल में कपड़े और जूते खरीदने के लिए आपकी जेब और ढीली होगी। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन पर लगने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में इजाफा हो जाएगा। यह पांच फीसदी से बढ़कर 12 प्रतिशत कर दिया जाएगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (सीबीआईसी) इस प्रस्तावित बढ़ोतरी के बारे में नवंबर में सूचित कर चुका है।

यही वजह है कि एक जनवरी से पहले विभिन्न ब्रांड्स ने ऑनलाइन और ऑफलाइन सेल चलाई। चूंकि, उनका स्टॉक पांच फीसदी कर चुकाकर खरीदा गया है, जबकि अगर यह नए साल में बच गया तब सरकार इस पर 12 फीसदी के हिसाब से टैक्स लगाएगी। इनपुट टैक्स क्रेडिट पांच प्रतिशत के हिसाब से बनेगा पर सात प्रतिशत टैक्स उन्हें अपने पल्ले से भरना पड़ेगा।

पहली ही तारीख से इसके अलावा नए जीएसटी नियम भी लागू हो जाएंगे। दरअसल, मौजूदा जीएसटी व्यवस्था के तहत दो मासिक रिटर्न (जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी) हैं, जो एक कंपनी को दाखिल (अगर वार्षिक कारोबार 5 करोड़ रुपये से अधिक है) करना होता है। GSTR-1 एक रिटर्न है, जो बिक्री चालान दिखाता है और GSTR-3B हर महीने दायर एक स्व-घोषित सारांश जीएसटी रिटर्न है। ऐसे में व्यवसायों को सुनिश्चित करने की जरूरत होगी कि GSTR-3B और GSTR-1 रूपों के बीच कोई मेल न हो।

अगर कुछ मिसमैच हुआ, तब सरकार को अधिकारियों को किसी व्यक्ति के कॉरपोरेट परिसर में बिक्री राशि के लिए (जिस पर कर का भुगतान नहीं किया गया) जीएसटी वसूली के लिए भेजने का अधिकार होगा। नए नियम के मुताबिक, वसूली के लिए कोई नोटिस देने की जरूरत नहीं है।

वहीं, जोमैटो (Zomato), स्विगी (Swiggy), ओला (Ola) और ऊबेर (Uber) सरीखे ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स पर नए जीएसटी का बोझ पड़ेगा। दरअसल, 17 सितंबर को जीएसटी टैक्स काउंसिल की मीटिंग में निर्णय हुआ था कि ई-कॉमर्स ऑपरेटरों को उनके जरिए दी जाने वाली सेवाओं पर टैक्स पेमेंट के लिए उत्तरदायी बनाया जाएगा।

उधर, ईपीएफ (एंप्लाई प्रोविडेंट फंड) खाताधारकों को 31 दिसंबर से पहले नॉमिनी को ऐड करना होगा। उन्होंने अगर ऐसा नहीं किया, तब वे कई लाभ से वंचित रह सकते हैं। बता दें कि सबस्क्राइबर की अचानक मृत्यु की स्थिति में केवल नामित सदस्य (नॉमिनी) ही ईपीएफ सेविंग्स की रकम को विथड्रॉ कर सकेंगे। सबस्क्राइबर एक से अधिक नॉमिनी को इस रकम के लिए नामित कर सकता है और वह प्रत्येक नॉमिनी के लिए शेयर (कितनी रकम किसे मिले) भी तय कर सकता है।

ऑनलाइन पेमेंट के लिए डेबिट और क्रेडिट कार्ड के नियमों में भी एक जनवरी से बदलाव हो जाएगा, जबकि नए साल के पहले दिन से बैंक एटीएम ट्रांजैक्शंस के लिए अधिक चार्ज वसूलेंगे। वहीं, 31 दिसंबर को आईटीआर फाइलिंग (2020-21) की डेडलाइन भी 31 दिसंबर 2021 को खत्म हो जाएगी। अगर इसके बाद आप आईटीआर भरेंगे तब आपको कुछ पेनाल्टी भरनी होगी।