केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बैंकों को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें कहा गया है कि अब कोई भी बड़ा अमाउंट, 20 लाख से ज्यादा एक वित्त वर्ष के दौरान लेनदेन करने पर पैन या आधार की डिटेल देनी होगी। साथ ही चालू खाता खोलने के लिए भी आपको आधार या पैन देना अनिवार्य होगा। नए नियम सभी बैंक और डाकघरों में 26 मई से लागू होंगे।
नए नियम के तहत सरकार ने कहा कि यह उपाय लेनदेन के लिए नकदी के उपयोग को कम करने और डिजिटल मोड को बढ़ावा देगी। इसे लेकर सीबीडीटी ने आयकर नियम 1962 में संशोधनों को अधिसूचित भी किया है। आयकर अधिसूचना में कहा गया है कि सावधि लेनदेन में एक या एक से अधिक बैंक खातों के माध्यम से एक वित्तीय वर्ष में 20 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि लेनदेन शामिल है। यह नियम केवल कॉमर्शियल बैंक ही नहीं बल्कि सहकारी बैंक और डाकघरों के लिए भी लागू होगा।
गौरतलब है कि 2020 के बजट में वित्त मंत्रालय ने 20 लाख रुपये से अधिक की नकद निकासी पर कर कटौती (टीडीएस) की शुरुआत की थी और नियम में संशोधन किया था। इसके साथ, सरकार ने ग्राहक और वित्तीय संस्थानों, जिसमें एक बैंक, सहकारी बैंक और एक डाकघर शामिल हैं, दोनों पर लेनदेन शुरू करते समय पैन और आधार विवरण अपडेट कराने का नियम लागू कर दिया है।
वहीं यह भी मानना है कि सरकार पैन और आधार के प्रमाणीकरण के लिए एसओपी भी लाएगी। साथ ही यह नियम सभी बैंकों पर समान रूप से लागू होगी। सीबीडीटी की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, नए नियम के तहत किसी व्यक्ति की जनसांख्यिकीय जानकारी या बायोमेट्रिक जानकारी के साथ स्थायी खाता संख्या या आधार संख्या आयकर विभाग को दी जाएगी।
इसके बाद इसकी जांच की जाएगी। अगर कोई व्यक्ति टैक्स स्लैब के अंदर आते हैं तो उनपर आयकर विभाग की ओर से टैक्स चार्ज वसूल किया जा सकेगा। साथ ही पैन की जांच के बाद आयकर विभाग की ओर से मानक तय किया जाएगा।
