हवा से फैलने वाले संक्रमणों को रोकने में एक हर्बल धूप का धुआं मददगार साबित हो सकता है। ऐसा काशी हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University : BHU) के रिसर्चर्स ने पाया है। उनके मुताबिक, यह हर्बल धूप एयरवैद्य (AirVaidya) है। इस धूप के धुएं की एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इनफ्लमेट्री विशेषताएं हवा के जरिए फैलने वाले संक्रमण को रोकने में प्रभावी हो सकती हैं।
विवि में रिसर्च टीम को लीड करने वाले इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (Institute of Medical Sciences) के रस शास्त्र (आयुर्वेद) [Department of Rasa Shastra (Ayurveda)] के प्रोफेसर डॉ. केआरसी रेड्डी ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) को इस बाबत बताया, ‘‘हालांकि, धूपन (Dhoopan) का जिक्र सदियों से आयुर्वेद में इसकी एंटी-माइक्रोबायल, एंटी-फंगल, एंटी वायरल ऐक्शन को लेकर किया गया है, पर कोविड-19 (Coronavirus) के मामले बढ़ने की पृष्ठभूमि में यह पहला वैज्ञानिक अध्ययन है।’’
बकौल डॉ. रेड्डी, “इस स्टडी में शामिल लोगों को दो ग्रुप्स में बांटा गया था। पहला- 150 लोगों का हस्तक्षेप समूह (Intervention Group) और दूसरा- 100 लोगों वाला नियंत्रित समूह (Controlled Group)। चूंकि, कोरोना महामारी इंसानों में नाक और मुंह के रास्ते एंट्री लेती है। ऐसे में यह धुआं पहले ग्रुप के लोगों को सुंघाया गया। उनसे इस हर्बल धुएं को दिन में दो बार 10 मिनट तक सांस के जरिए अंदर खींचने को कहा गया, जबकि दूसरे वाले ग्रुप को ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया। न ही उन्हें धुएं के आसपास ले जाया गया।
डॉ. रेड्डी ने कहा- नतीजे उत्साहवर्धक थे। पहले ग्रुप में सिर्फ चार फीसदी लोगों में इस “ट्रीटमेंट” के बाद बुखार, खांसी, सर्दी या स्वाद या गंध का पता नहीं चलने जैसे कोविड के लक्षण देखे गए, जबकि जिन्हें इस तरह का इलाज नहीं मिला था, उनमें न्यूनतम 37 प्रतिशत लोगों में कोविड जैसे लक्षण मिले। यह धुआं केमिकली तौर पर (रसायनक रूप से) भी कीटों पर पहले फेज के क्लिनिकल टेस्ट में सुरक्षित पाया गया है।
बीएचयू रिसर्चर्स ने इस धूप के दूसरे फेज का क्लिनिकल टेस्ट भी पूरा कर लिया। वे बोले कि इस धूप का उपयोग घरों और दफ्तरों में किया जा सकता है। बता दें कि यह स्टडी उस एमिल फॉर्मास्युटिकल (AIMIL Pharmaceuticals) की मदद से हुई, जिसने इस धूप को बनाया है। बताया गया कि एयरवैद्य में 19 पौधों (औषधीय) से मिलने वाले ‘फाइटोकेमिकल’ (Phytochemicals) शामिल किए गए हैं। ये कोरोना का मुकाबला करने में अपने संभावित प्रभावों को लेकर जाने जाते हैं।
इस एयरवैद्य धूप में राल, नीम पत्र, वास, अजवाइन, हल्दी, लेमनग्रास, वाच, तुलसी, पीली सरसों, सफेद चंदन, उशीर, गुग्गल, नगरमोठ, मेहंदी, टागर, लोबान, कर्पूर, जिगत और इलायची का चूर्ण आदि मिलाया गया है। कंपनी की के कार्यकारी निदेशक डॉ संचित शर्मा की मानें तो हर्बल धूप में ऐसी चीजें हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत कर कोरोना को शरीर में घुसने से रोकती हैं।