उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बीच नोकझोंक हुई। अखिलेश यादव ने अस्पतालों की हालत को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा। जिस पर योगी आदित्यनाथ ने पलटवार कर कहा कि नेता – प्रतिपक्ष कोरोना में गायब थे। जिस पर लोगों ने प्रतिक्रिया भी दी।

अखिलेश ने सदन में पूछे ऐसे सवाल

समाजवादी पार्टी के प्रमुख ने सदन में कहा कि पीएचसी से लेकर जिला अस्पताल तक के हालत खराब हैं, एक रुपए वाले पर्चे की कीमत अप 100 रुपए कर दी गई है, दोबारा आई सरकार इतनी गरीब कैसे हो गई जो बजट भी नहीं दे पा रही है। इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि ये सपा सरकार की सोच थी कि करीब का इलाज सरकारी अस्पताल में मुफ्त में हो। उन्होंने यूपी डिप्टी सीएम बृजेश पाठक पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सिर्फ छापा ही मारेंगे या कोई कार्रवाई भी करेंगे।

सीएम योगी ने दिया ऐसा जवाब

अखिलेश यादव द्वारा उठाए गए सवालों पर योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि 2017 के पहले इनकी सरकार में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बंद कर दिए गए थे, वहां पर कोई भी डॉक्टर नहीं था। जिला अस्पतालों की स्थिति बहुत दयनीय थी। उन्होंने दावा किया कि इस सरकार ने एंबुलेंस 108 वाली सेवा को और तेजी से बढ़ाया है। यूपी सीएम ने सदन में कहा, ‘ हम लोग अब हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने की ओर आगे बढ़ रहे हैं।’

मुस्कुराते हुए अखिलेश यादव पर किया कटाक्ष

अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्हें अस्पताल और मेडिकल कॉलेज से परहेज है। जिसके बाद उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि कोरोना के समय तो नेता प्रतिपक्ष गायब हो गए थे, हम लोगों ने तो उन्हें बाहर निकलते हुए नहीं देखा था। हमें तो चिंता थी कि अगर पांचवे चरण की महामारी आ गई तो इनका क्या होगा?

लोगों के रिएक्शन

योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए बयान पर लोगों ने कई तरह के सवाल किए हैं तो वहीं कुछ लोगों ने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कमेंट किया है। शादाब नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा – यह सब तो केवल राजनीति है, जिन्होंने अपनों को खोया। उनसे सवाल करिएगा कि सरकार क्या कर रही थी? रविंद्र त्रिपाठी नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘कोविड काल के दौरान नेता प्रतिपक्ष डर के मारे AC की कमरों में बैठे हुए थे, जब महामारी चली गई तो वह भी बाहर आ गए।’