तमिलनाडु के कुन्नूर में वायुसेना के हेलीकॉप्टर क्रैश में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का निधन हो गया। वायु सेना ने ट्वीट करके जानकारी दी कि हेलीकॉप्टर में सवार 14 में से 13 लोगों की मौत हुई है। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का इलाज चल रहा है। इस घटना को लेकर पूरे देश में शोक की लहर दौड़ पड़ी। मधुलिका रावत के भाई यशवर्धन सिंह ने आज तक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए अपनी पीड़ा बयां की।
उन्होंने बताया कि इस हादसे की खबर बहुत देरी से पता चली। मैं अपनी बेटी को लेकर भोपाल आया था… जब हमें न्यूज़ चैनल और परिजनों से इसके बारे में सूचना मिली तो हमने सेना में संपर्क किया। वहां से हमें जानकारी दी गई कि कुन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ है जिसमें आपकी बहन भी थी। यशवर्धन सिंह ने बताया कि रात में ही हमारी फ्लाइट सेना द्वारा की गई जिससे हम दिल्ली पहुंच सकें।
बिपिन रावत और मधुलिका रावत से हुई आखिरी मुलाकात को याद करते हुए यशवर्धन सिंह ने कहा कि पिछले दशहरा के दौरान हमारी बेटी के साथ उन्होंने पूजा की थी। उनसे हमारी 10 दिन पहले बातचीत भी हुई थी। जिसमें उन्होंने वादा किया था कि मैं 2012 के बाद से ही शहडोल नहीं आया हूं लेकिन जनवरी 2020 में जरूर आऊंगा। हम इंतजार कर रहे थे कि कब जनवरी आए और वह हमारे घर पधारें। इस दुखद हादसे ने हमसे सब कुछ छीन लिया।
यशवर्धन सिंह ने बताया कि 1986 में बिपिन रावत जब कैप्टन थे उसी समय उनकी शादी हमारी बहन से हुई थी। ये रिश्ता जीजा जी के पिता की तरफ से ही आया था। उन्होंने हमारे पिताजी से कहा था कि हमारा बेटा है जिसे आप अपनी बेटी की शादी कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि एक ही मुलाकात में हमारे परिवार ने इस रिश्ते के लिए हामी भर दी थी।
बिपिन रावत के व्यक्तित्व को याद करते हुए यशवर्धन सिंह ने कहा कि उन्होंने आखिरी बातचीत के दौरान शहडोल में एक सैनिक स्कूल खुलवाने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने बताया कि वह बहुत ही शांत स्वभाव वाले व्यक्ति थे। वह खाली समय में प्रकृति को लेकर काम किया करते थे। बता दें कि सीडीएस बिपिन रावत के निधन पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दुख जताते हुए कहा है कि यह देश के लिए अपूरणीय क्षति है।