Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां के फतेहाबाद स्थित एक समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) पर एक महिला 30 महीने में 25 बार मां बनी और 5 बार उसी की नसबंदी भी की गई। चौंकिए मत… ये सही में नहीं हुआ है। ये सब तो गड़बड़झाला है जो जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी प्रोत्साहन योजना के लाभ में घोटाले के लिए किया गया है।

जांच के दौरान ऑटिम टीम दंग रह गई

आजतक की रिपोर्ट के अनुसार पूरे गड़बड़झाला का खुलासा तब हुआ जब फतेहाबाद स्थित पीएचसी की नियमित ऑडिट कराया गया। दस्तावेजों की जांच के दौरान ऑटिम टीम दंग रह गई। उन्होंने पाया कि एक ही महिला के नाम 25 डिलीवरी और 5 नसबंदी करना दिखाया गया है। यही नहीं उसे इन प्रक्रियाओं के लिए सरकारी योजना का लाभ भी दिया गया है।

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रिपोर्ट के मुताबिक उक्त महिला के खाते में कुल 45 हजार रुपये ट्रांस्फर किए गए हैं। पूरा मामला समझते ही ऑडिट टीम ने सीएमओ आगरा डॉक्टर अरुण श्रीवास्तव को सूचना दी। सूचना पाकर वे खुद मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद जांच के आदेश दिए।

दोषी के खिलाफ की जाएगी कठोर कार्रवाई

उन्होंने कहा कि इस बात की विस्तृत जांच की जाएगी कि ये तकनीकी गलती है या फिर सुनियोजित घोटाला। अगर इस मामले में कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि फतेहाबाद और शमशाबाद के सीएचसी पर वर्षों से कुछ कर्मचारियों का दबदबा रहा है। यही वजह है कि एक ही साल में चार अधीक्षकों का ट्रांस्फर किया गया है। लेकिन दबदबा अभी भी बना हुआ है। उन्होंने कहा कि योजनाओं की लाभ राशि समय से ट्रांस्फर करने का दबाव रहता है, इस कारण जल्दीबाजी में ऐसी गलती हो सकती है।

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हालांकि, पूरे मामले की गंभीरता को समझते हुए उन्होंने जांच के लिए स्पेशल टीम बनाने की बात कही है। साथ ही किसी के दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई का भी अश्वासन दिया है।

सरकार चलाती है यह दो योजना

बता दें कि यूपी सरकार गर्भवती महिलाओं के लिए दो प्रमुख योजनाएं चलाई जाती हैं। एक जननी सुरक्षा योजना और दूसरा महिला नसबंदी प्रोत्साहन योजना। जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रसूता को 1400 और आशा को 600 व महिला नसबंदी प्रोत्साहन योजना के तहत महिला को 2000 हजार और आशा को 300 रुपये दिए जाते हैं। ये राशि प्रोसीजर के 48 घंटे के भीतर लाभुक के खाते में ट्रांस्फर करनी होती है।