पंजाब में मचे सियासी घमासान के बीच सोशल मीडिया पर ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद और नवजोत सिंह सिद्धू का एक वीडियो सामने आया है। जिसको लेकर सोशल मीडिया पर लोग मजे लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। एक वीडियो में सिंधिया, जितिन और सिद्धू कांग्रेस में रहते हुए एक ही शायरी को कहते हुए नज़र आ रहे हैं। यह तीनों नेता ही एक ही शायरी पढ़ते हुए कह रहे हैं कि उसूलों पर जब आंच आए तो टकराना ज़रूरी है, अगर जिंदा हो तो जिंदा नज़र आना ज़रूरी है।

इस वीडियो को एबीपी न्यूज़ के पत्रकार अभिनव पांडे शेयर करते हुए लिखते हैं कि वैसे वायरल कंटेंट है, मगर वायरल नहीं होना चाहिए। सिंधिया, जितेन के बाद अब सिद्धू के उसूलों पर आंच। उन्होंने हंसने वाली इमोजी के साथ लिखा, वसीम बरेलवी साहब की लाइनों का असली तमाल तो कांग्रेसी नेताओं ने ही किया है। पत्रकार मीनाक्षी जोशी लिखती हैं, वायरल कंटेंट हो तो वायरल होना भी ज़रूरी है।

सोहेल खान नाम के टि्वटर यूजर इस वीडियो पर मजा लेते हुए लिखते हैं कि उसूल पसंद या सूद समेत वसूल पसंद। @gyan_deeksha टि्वटर हैंडल से लिखा गया कि कांग्रेस में एक अलग ही मज़ा है। पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेई इस वीडियो पर तंज कसते हुए लिखते हैं कि मिले सुर मेरा तुम्हारा… सुना जाए। एक ट्विटर यूजर लिखते हैं, और फिर बीजेपी में जाना ज़रूरी होता है।

@LokendraTomar टि्वटर अकाउंट से इस वीडियो पर लिखा गया, बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया। काहे के उसूल ‘उ’ हटा दो। सूल ही हैं। आश्चर्य तो ‘सरदार’ का है, बाकी ने बड़ी बड़ी डींगे नहीं हांक रखी। एक ट्विटर यूजर मजा लेते हुए लिखते हैं, ज़िंदा हो तो पार्टी बदल देनी चाहिए। @_HumHindustani अकाउंट से लिखा गया, वसीम बरेलवी साहब से माफ़ी मानते हुए अर्ज है। मनचाही गद्दी न मिल पाए तो टकराना जरूरी है, विचारधारा जाए तेल लेने फिर गद्दारी जरूरी है।

एक ट्विटर अकाउंट से इस वीडियो पर कमेंट आया, इनके लिए उसूल सिर्फ सत्ता है। जिस पार्टी ने इन्हे सब कुछ दिया जब उसका बुरा वक्त है तो भाग निकले। इनका इंसाफ जनता और समय करेगा। @kiranSa38830073 अकाउंट से लिखा गया कि हाँ वैसे ही पहले लोग जुर्म करते हैं फिर शरीफ होने के लिए कहेंगे सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं।