पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़े 2 संदिग्धों को बिहार की पटना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया है कि वह मिशन 2047 पर काम कर रहे थे, जिसका उद्देश्य 2047 तक देश को इस्लामिक राष्ट्र घोषित करना था। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर कुछ लोग PFI को बैन करने की मांग कर रहे हैं।

सुशांत सिन्हा ने किया यह सवाल : टाइम्स नाउ नवभारत चैनल के एंकर सुशांत सिन्हा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया, ‘पीएफआई को बैन करने के लिए सरकार की मुहूर्त का इंतजार कर रही है?’ उनके द्वारा पूछे गए सवाल पर सोशल मीडिया यूजर्स का इस तरह के जवाब देते नजर आ रहे हैं।

लोगों के जवाब : शिवा नाम की एक ट्विटर यूजर कमेंट करते हैं कि अभी कैसे ही उसे बंद कर देंगे। अभी उनको एक हाथ में कंप्यूटर और दूसरे हाथ में किताब भी देनी है। एक अन्य यूजर द्वारा लिखा – अभी तो देश को गाज़वा – ए – हिंद बनाने के लिए लगे हुए हैं। जब तक पूरे देश में शरिया कानून लागू नहीं हो जाएगा, तब तक सरकार की आंख नहीं खुलेगी। हरि नाम के एक यूजर ने कमेंट किया – पीएफआई के सभी आतंकियों को जेल में डालने का समय आ गया है। अभी नहीं तो कभी नहीं।

आदित्य कुमार लिखते हैं कि अभी सरकार लोकसभा चुनाव का इंतजार कर रही है। जनता के वोट लेने के समय ही तो यह सब किया जाएगा। प्रशांत नाम के एक यूजर ने जवाब दिया – चुनाव मुहूर्त। अनुपम आनंद नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा जाता है कि सरकार की महिमा तो समझ से परे है। अब तक तो हो जाना चाहिए था। एक अन्य टि्वटर हैंडल से लिखा गया कि PFI के जितने भी सदस्य पकड़े जाते हैं, अधिकतर वह पहले SIMI
में थे। अब PFI को बैन किया जाएगा तो कुछ नया आ जाएगा।

पीएफआई क्या है? : पीएफआई का पूरा नाम पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया है। इसे चरमपंथी इस्लामी संगठन माना जाता है। 2007 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट के मुख्य संगठन के रूप में पीएफआई का गठन किया गया था। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है लेकिन इसका बेस मुस्लिम बहुल्य सूबों में ही है। इसका जन्म तब हुआ जब 2006 में केरल में 3 मुस्लिम संगठनों को मर्ज किया गया।