सपा प्रमुख व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें यूपी के सीएम के बराबर में बैठकर संत वासुदेवानंद सरस्वती मुलायम यादव की तारीफ़ कर रहे हैं। अखिलेश ने यह वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि भाषाएँ संस्कृति की मौखिक संवाहक होती हैं। भारतीय संस्कृति और संस्कृत के शाश्वत संबंध को सतत् रखने के लिए सपा सदैव सक्रिय रही है और रहेगी।

उनके द्वारा शेयर किए गए वीडियो में वासुदेवानंद सरस्वती कह रहे हैं कि आज हमारे उत्तर प्रदेश में संस्कृत की क्या दशा है मैं कुछ ना कहूं वही सबसे ठीक है। हमारे यहां योग्य शिक्षक नहीं है…..योग्य शिक्षक का मतलब संस्कृत पाठ शालाओं में… विद्यालय में जैसे-तैसे शिक्षक नियुक्त कर लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हम धन्यवाद देंगे तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह जी को.. जिन्होंने संस्कृत के विद्वानों को माध्यमिक स्तर तक ला करके उनको व्यवस्थित किया।

उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि संस्कृत शिक्षकों को सारी व्यवस्थाएं दी गई। जो वेतन स्केल उन्होंने तय किया गया था वही दिया जा रहा है। अखिलेश यादव ने यह 1 मिनट का वीडियो शेयर किया हुआ है। बता दें कि गोरखनाथ मंदिर के दिग्विजयनाथ सभागार में गुरुवार को ब्रह्मणों महंत दिग्विजय नाथ की श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई थी। जिसमें सीएम योगी भी पहुंचे हुए थे।

जानकारी के लिए बता दें कि इस कार्यक्रम के दौरान शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की तारीफ़ करते हुए कहा कि उन्होंने प्राचीन पद्धति से विद्यालयों में नियुक्ति के आदेश दिए थे। संस्कृत विद्यालयों में हो रही नकल को लेकर उन्होंने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में संस्कृत विद्यालयों में नकल को रोकने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अभी प्रभावी ढंग से सुधार नहीं हुआ है।

इसके साथ ही उन्होंने संस्कृत को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालयों में नकल करा कर डिग्रियां दी जा रही है। जिसके कारण संस्कृत विद्यालयों को अच्छे अध्यापक नहीं मिल पा रहे हैं।