उद्योगपति रतन टाटा के निधन के साथ ही एक दौर का अंत हो गया। उद्योगपति ने 87 साल की उम्र में बुधवार की रात मुबंई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। टाटा के निधन ने करोड़ों लोगों की आंखों को नम कर दिया। दिग्गजों से लेकर आम लोग तक उद्योपति को एक शानदार इंसान के तौर पर याद कर रहे हैं। श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

उनके निधन पर तमाम खबरें सोशल मीडिया पर दिख रही हैं। लोग उन्हें उनकी उपलब्धियों के लिए सलाम कर रहे हैं। ब्रांड टाटा के तहत जितनी भी कंपनियां हैं, उनका भी जिक्र किया जा रहा है। इसी क्रम में हम आपको एक एसी कंपनी के बारे में बताएंगे जिसमें रतन टाटा ने बड़ा भावुक होकर इंवेस्ट किया था।

ये संस्था है ‘द गुड फेलोज’। इसे उनके असिस्टेंट रहे शांतनु नायडु ने निकी ठाकुर और गार्गी संदू के साथ मिलकर शुरू किया था। इन तीनों यंग उद्यमियों को अपने दादा-दादी के साथ समय बिताना पसंद था। वे चाहते थे कि अन्य बुजुर्ज भी अपने पोते-पोतियों के प्यार को महसूस करें और एक अनूठे पार्टनरशिप मॉडल के माध्यम से अपना अकेलेपन को दूर करें।

रतन टाटा जिन्होंने शादी नहीं की है, को ये आइडिया काफी पसंद आया और उन्होंने इस बिजनस में इंवेस्ट कर दिया। ऐसा करते हुए उन्होंने कहा था कि जब तक आप साथी की चाहत में अकेले समय नहीं बिताते, तब तक आपको पता नहीं चलता कि अकेलापन कैसा होता है। जब तक आप वास्तव में बूढ़े नहीं हो जाते तब तक किसी को भी बूढ़े होने से कोई आपत्ति नहीं होती है।

बता दें कि शांतनु नायडु जिन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की है टाटा के कार्यालय में महाप्रबंधक हैं और 2018 से रतन टाटा की मदद कर रहे हैं। उन्हें कई बार रतन टाटा के साथ देखा गया है। हालांकि, अब टाटा की निधन से वे भी काफी दुखी हैं। उन्होंने टाटा को याद करते हुए भावुक पोस्ट किया है।

बता दें कि गुडफेलोज़ नाम की ये संस्था 70 से अधिक उम्र के बुजुर्गों को युवाओं के साथ जोड़ता है। यहां घर से दूर उन्हें घर वाली फीलिंग दी जाती है। साथ ही ढलती उम्र में आनी वाली मेंटेल और फिजिकल समस्याओं से ऊबरने में भी मदद की जाती है। युवा साथी उनका सारा काम करने हैं और उन्हें नाती-पोतों वाली फीलिंग देते हैं। ये संस्था मुंबई, बेंगलुरु और पुणे में काम करती है।