Ratan Tata friendship with Shantanu Naidu: ”इस दोस्ती ने अब मुझमें जो खालीपन छोड़ा है, उसे भरने में मैं अपनी बाकी की पूरी जिंदगी बिता दूंगा। दुःख, प्यार के लिए चुकाई जाने वाली कीमत है। अलविदा, मेरे प्रिय प्रकाशस्तंभ।” यह भावुक पोस्ट रतन टाटा के सबसे छोटे दोस्त 28 साल के नायडू ने लिखा है। शांतनु ने गुरुवार सुबह टूटे मन से अपने 55 साल बड़े दोस्त को श्रद्धांजलि दी है। दोनों की दोस्ती के कई किस्से वायरल हैं। दोनों की उम्र में इतना बड़ा फैसला मगर साथ साये की तरह। अपने मेंटर, गुरु और दोस्त को खोकर शांतनु के ऊपर क्या बीत रही होगी सिर्फ वही समझ सकते हैं। शांतनु ने भारी मन से यह पोस्ट लिंक्डइन पर किया है, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। दोनों की दोस्ती बताती है दिल का रिश्ता खून के रिश्ते से कम नहीं।

रतन टाटा के अंतिम यात्रा में सबसे आगे उनके सबसे यंग असिस्टेंट और करीबी दोस्त शांतनु नायडु साथ दिखे। भारी मन के साथ बाइक पर सवार शांतनु का वीडियो तेजी वायरल हो रहा है। वे अंतिम यात्रा में सबसे आगे थे।

रतन टाटा के निधन की खबर और टूट गया लोगों का दिल

रतन टाटा के निधन से देश में शोक की लहर है। लंबी बीमारी के कारण 86 की उम्र में वे हमें छ़ोड़ चलें। उनकी कही गईं बातें लोगों के लिए मोटिवेशनल डोज का काम करती हैं। एक ऐसी शख्सियत जिसे हर कोई पसंद करता है। रतन टाटा सच में भारत के रतन हैं। उनकी पूरी जिंदगी एक प्रेरणा है। उनकी सादगी पर कौन न मर मिटे, हमेशा जमीन से जुड़े रहने वाले रतन टाटा हमेशा लोगों के दिलों में राज करेंगे। ऐसे लोग अलविदा नहीं होते वे हमेशा के लिए लोगों के दिलों में जीवित रहते हैं। रतन टाटा के निधन की खबर से कई लोगों का दिल टूट गया है। बुधवार शाम को उनके हेल्थ से जुड़ी खबरें सामने आ रही थीं, उनके चाहने वाले उनके लिए प्रार्थना कर रहे थे मगर निधन की खबर आते लोग शोक में डूब गए। सोशल मीडिया पर दुख का सैलाब उमड़ पड़ा है। एक-एक शब्द लोगों की तकलीफ को बयां कर रहे हैं। इस अनमोल रतन को खोने का गम लोगों को तोड़ रहा है, लोग सोशल मीडिया अपनी भावना उड़ेल रहे हैं कि अगली बार भी आप भारत का ही बेटा बनकर आना।

शांतनु का रतन टाटा से खून नहीं दिल का रिश्ता है

शांतनु नायडू अच्छा दोस्त होने के साथ रतन टाटा के भरोसेमंद असिस्टेंट रहे। शांतनु वे युवक हैं जो रतन टाटा को सलाह देते रहे हैं। अनमोल रतन के निधन पर शांतनु ने रतन टाटा के व्यावसायिक उपलब्धियों पर नहीं बल्कि उनकी घनिष्ठ मित्रता पर भावुक पोस्ट लिखा है।

28 साल के शांतुन का रतन टाटा से कोई पारिवारिक रिश्ता नहीं है। जब शांतनु और रतन टाटा की तस्वीरें पहली बार वायरल हुईं तो लोग हैरान रह गए थे। शांतनु का रतन टाटा से खास लगाव है। शांतनु मुंबई का रहने वाला वह लड़का है जिसे रतन टाटा ने खुद फोन कर कहा था कि आप जो काम करते हैं मैं उससे प्रभावित हूं। क्या आप मेरे असिस्टेंट बनोगे।

शांतुन कैसे बने रतन टाटा के करीबी?

महज 28 साल की उम्र में शांतनु ने बिजनेस की दुनिया में जो मुकाम हासिल किया है वह पूरा करना आज भी कई लोगों का सपना है। जी न्यूज की रिपोर्ट्स के अनुसार, शांतनु नायडू रतन टाटा को स्टार्टअप्स निवेश करने के लिए बिजनेस आइडिया और टिप्स देते हैं। शांतनु का जन्म 1993 में पुणे महाराष्ट्र में हुआ था। वे भारत के फेमस बिजनेसमैन, इंजीनियर, जूनियर असिस्टेंट, डीजीएम, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और लेखक हैं। शांतुन की लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, वे जून 2017 से टाटा ट्रस्ट में काम कर रहे हैं।

एक पोस्ट और बदल गई शांतनु की किस्मत

शांतनु की एक फेसबुक पोस्ट पढ़ने के बाद रतन टाटा ने उन्हें मीटिंग के लिए बुलाया था। शांतनु ने अपने पोस्ट में आवारा कुत्तों के लिए रिफ्लेक्टर के साथ बनाए गए डॉग कॉलर के बारे में लिखा था ताकि ड्राइवर मुंबई की सड़कों पर डॉगी को देख सकें। एक छात्र होने के नाते उनके पास इतने पैसे नहीं थे इसलिए शांतनु ने बेस मैटेरियल के रूप में डेनिम पैंट का इस्तेमाल करने का फैसला लिया था।

शांतनु ने अलग-अलग घरों से डेमिन पैंट लिए थे और बाद में रिफ्लेक्टिव कॉलर बनवाकर 500 आवारा कुत्तों को पहनाए थे। इस कारण ड्राइवर बिना लाइट के भी इन कुत्तों को अंधेरे में देख सकते थे, जिनसे वे गाड़ियों के नीचे आने से बच जाते। इस तरह कुत्तों की जान बच जाती। शांतनु के अच्छे काम की चर्चा हुई। उनके बारे में टाटा कंपनी के समाचार पत्र ने उजागर किया गया और इस तरह उन्हें टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष और एक एनिमल एक्टिविस्ट रतन टाटा ने खुद निमंत्रण भेजा।

अमेरिका से भारत लौटे शांतनु

शांतनु 2026 में अमेरिका में कॉर्नेल विश्वविद्यालय से एमबीए करने के बाद लौट आए और चेयरमैन ऑफिस में डिप्टी जनरल मैनेजर के रूप में टाटा ट्रस्ट में शामिल हो गए। इस तरह उनकी दोस्ती रतन टाटा से शुरु हुई। पिछले 10 सालों से वे रतन टाटा के करीब रहे। दोनों के साथ ही कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होती रही हैं। सार्वजनिक जगहों पर रतन टाटा शांतनु के साथ नजर आते रहे हैं। अब उनके चले जाने से शांतनु के जीवन में एक खालीपन आ गया है, जिसका जिक्र उन्होंने अपनी पोस्ट में किया है।