यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में हुई घटना को लेकर एक न्यूज़ चैनल पर चर्चा करने के लिए आए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से एंकर ने पूछा कि किसान आंदोलन खतरनाक होता जा रहा है? इस सवाल पर किसान नेता ने पलटवार करते हुए कहा कि किसान नहीं बल्कि आप लोग खतरनाक होते जा रहे हैं।

टाइम्स नाउ नवभारत न्यूज़ चैनल पर किसान नेता राकेश टिकैत से एंकर सुशांत सिन्हा ने सवाल पूछा, आपने कहा है कि भीड़ कुछ कर दे तो उस पर कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती है? भीड़ बार-बार ऐसा कर रही है। इस आंदोलन को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं कि यह कहीं भी कुछ भी हो जा रहा है? राकेश टिकैत ने जवाब में कहा, कहां बार-बार हो रहा है?

एंकर ने लाल किले का जिक्र करते हुए कहा कि वहां जो हुआ सबने देखा? राकेश टिकैत ने कहा, जो हुआ है उसको आपने दिखाने की हिम्मत नहीं है। इस बात को 1 साल हो गया और तुम सब पत्रकार और चैनल वाले लगे हुए हो कि लाल किले में क्या हुआ था। लाल किले पर लोग क्यों गए? एंकर ने इस पर कहा हर बार आप उसके पीछे वजह बताएंगे लेकिन हिंसा तो हिंसा ही होती है?

एंकर ने पूछा, किसान आंदोलन की वजह से लोग सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं पिछली बार आपने महापंचायत की थी वहां पर एक महिला पत्रकार को दौड़ाया गया था आपने तब भी कहा था कि भीड़ थी। यह फिर तो खतरनाक होती जा रही है? इस सवाल पर राकेश टिकैत ने पलटवार करते हुए कहा, किसान आंदोलन खतरनाक नहीं होता जा रहा है बल्कि चैनल वाले और आप लोग खतरनाक होते जा रहे हैं। एंकर ने पूछा, हम लोग तो सवाल उठा रहे हैं। कैसे खतरनाक हो गए हैं?

राकेश टिकैत ने कहा, सबसे ज्यादा प्रेस वाले खतरनाक हो गए हैं पहले प्रेस वाले सब के साथ लड़ते थे आप लोगों की विश्वसनीयता खराब होती जा रही है। एंकर ने राकेश टिकैत को जवाब देते हुए कहा आप हमारी विश्वसनीयता तय नहीं करेंगे। अगर विश्वसनीय नहीं है तो हमारे साथ हिंसा हो जाए। वहां भी एक पत्रकार मर गया है।