किसान आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाने वाले राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत और केंद्रीय मंत्री संजीव बालयान के बीच हुई मुलाकात को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। इस मुलाकात की चर्चा इसलिए भी अधिक हो रही है क्योंकि एक दिन पहले ही नरेश टिकैत ने सपा के गठबंधन को समर्थन देने का एलान किया था। हालांकि इसके कुछ घंटों के बाद ही वह अपने बयान से पलट गए। अब भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने इस मुलाकात में हुई बातचीत पर नई जानकारी दी है और मुलाकात के पीछे की वजह भी बताई है।

चुनाव में नहीं मिलेंगे तो कब मिलेंगे?: दरअसल आजतक चैनल के हल्ला बोल कार्यक्रम में शामिल हुए राकेश टिकैत ने ‘यूपी चुनाव में किस दल का समर्थन करेंगे किसान’ इस सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि पूरा देश सुन ले, हम सरकार के कर्मकाण्ड को लेकर जनता के बीच जाएंगे। किसान की हालत क्या है और किसानों के हालात खराब क्यों है? 13 महीने तक किसान आंदोलन पर बैठे रहे। जो वादे किए गए, उसे सरकार पूरा नहीं कर रही है। एक कमिटी बनाने की बात थी। ना कमिटी बनीं और ना ही सरकार किसी से मिल रही है। अब चुनाव आया है, अब नहीं मिलेंगे तो कब मिलेंगे।

हाल-चाल लेने गए थे संजीव बालयान : किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारी सरकार से नाराजगी है। हमारी मांगों को ना मानने और लखीमपुर की घटना को लेकर नाराजगी है। नरेश टिकैत के सपा-आरएलडी को समर्थन देने की बात पर राकेश टिकैत ने कहा कि हमारी किसी पार्टी से नाराजगी नहीं है, हमारी नाराजगी सरकार से है। संजीव बालयान से नरेश टिकैत की मुलाक़ात पर उन्होंने बताया कि नरेश टिकैत को चोट लगी थी, हाल-चाल लेने गये थे। जिस वक्त संजीव बालयान गए थे, वहां अन्य दलों के नेता भी थे। हमारे घर पर सभी लोग जाते हैं, वहां किसी को कोई एतराज नहीं है।

“हमारी लड़ाई पार्टी से नहीं,सरकार से हैं”: किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि पार्टी और सरकार अलग-अलग होनी चाहिए। हमारी लड़ाई सरकार से है किसी पार्टी से नहीं! जिस सरकार से हमारी सहमति हो जाएगी, हम उस सरकार को धन्यवाद कहेंगे। जब हमारा काम सरकार से है तो पार्टी का क्या मतलब?

आपको बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर करीब 13 महीने तक तीन कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे थे। इसके बाद से ही वे सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। हालांकि बीजेपी नेता संजीव बालयान और नरेश टिकैत के बीच हुई मुलाक़ात से यूपी की राजनीति में अटकलों का बाजार खूब गर्म था। संजीव बालयान से मुलाकात के बाद नरेश टिकैत ने भी कहा था कि ये पारिवारिक (सामान्य) मुलाक़ात थी, वे (संजीव बालयान) आशीर्वाद लेने आए थे।