राकेश टिकैत अक्सर किसानों की मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने की बात करते नजर आते हैं। किसान आंदोलन के बाद से ही राकेश टिकैत पूरे देश में घूमघूमकर किसानों की समस्याओं को सुनकर समाधान करने की मांग करते हैं, अन्यथा धरना देने की बात करते हैं। अब एक बार फिर राकेश टिकैत ने भाजपा पर हमला बोला है। राकेश टिकैत शामली में किसानों के धरने के 9वें दिन, 13 सितंबर, 2022 को भाजपा पर तीखा हमला बोला है।

क्या बोले राकेश टिकैत?

राकेश टिकैत ने कहा कि हम तो सरकार और सभी अधिकारी से कह रहे हैं कि हमें गन्ने के पैसे दे दें। इस पर दिमाग लगाएं कि मिल वाले हमारे पैसे कैसे देंगे? चक्का जाम से अगर ये पैसा दे दें तो हम चक्का जाम कर देंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि विधानसभा सत्र से पहले भुगतान हो जायेगा। हमने कहा कि चेक दे दो लेकिन चेक नहीं देते। कानून के मुताबिक 14 दिन के अन्दर गन्ना भुगतान करना है, अन्यथा ब्याज देना होता है लेकिन ब्याज भी नहीं मिलता। राकेश टिकैत ने कहा कि देश दुनिया में अगर कम्पटीशन होगा झूठ बोलने वालों का तो भाजपा को पहला नंबर मिलेगा।

लोगों की प्रतिक्रियाएं

@sovereignsikh यूजर ने लिखा कि टिकैत साहब आपने आंदोलन स्थगित करके बड़ी गलती की है, अभी भी है वक़्त है फिर से लगा दो धरना। @bk_ldn यूजर ने लिखा कि टिकैत साहब को बस केजरीवाल जी की तरह बस समस्या ही समस्या दिखाई देती है। @Pooja_sweet_grl यूजर ने लिखा कि राकेश टिकेत किसान है, इससे बड़ा कोई दूसरा झूठ क्या हो सकता है?

@AnilKumarSaras5 यूजर ने लिखा कि किसानों के ट्यूबवेल पर बिजली मीटर लगाने का भी विरोध करें आप लोग, ये भी घोषणा पत्र के खिलाफ है। @RoyalGa25779868 यूजर ने लिखा कि जब तक आप मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे, तब तक ऐसा संभव नहीं है। जिस तरीके से केजरीवाल जी आंदोलन से निकलकर मुख्यमंत्री बन कर दिल्ली का विकास किया, पंजाब का विकास किया, उसी तरीके से आप भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने या प्रधानमंत्री बनें, उसके बाद ही किसानों का दिन अच्छा होगा और आप का भी।

बता दें राकेश टिकैत ने ट्वीट कर भी कहा है कि सरकार द्वारा घोषणा पत्र में किए गए वादे सिर्फ घोषणा ही रह गए। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि गन्ना किसानों का 14 दिन के भीतर भुगतान हो और देरी से होने वाले भुगतान के लिये मिल से ब्याज वसूल करके गन्ना किसानों को ब्याज समेत भुगतान किया जाएगा! बता दें कि इससे पहले राकेश टिकैत लखीमपुर में आंदोलन को लेकर सुर्ख़ियों में आये थे।