Priyanka Singh Pihu Story: राजस्थान के जालौर की रहने वाली प्रियंका का 2 सितंबर को हड्डी के कैंसर से जूझने के बाद निधन हो गया। हालांकि, यह एक सामान्य मौत नहीं थी। प्रियंका के जौहरी पिता नरपत सिंह अपनी 27 वर्षीय बेटी के अंतिम दिनों को याद करते हुए भावुक हो जाते हैं। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, “उस दिन अस्पताल के कर्मचारी भी रो पड़े थे और बिटिया के ससुराल वाले आईसीयू के गलियारे में जाकर रो पड़े थे।”
प्रियंका को देखकर डॉक्टर भी भावुक हो गए
उन्होंने कहा, “वह बिस्तर पर लेटी हुई थी, चारों ओर मशीनें थीं, फिर भी वो मुस्कुरा रही थी। उसे देखकर डॉक्टर भी भावुक हो गए। उनका कहना था कि कैंसर के कई मरीज आते-जाते रहते हैं, लेकिन प्रियंका अलग थी।” रिपोर्ट के मुताबकि 25 अगस्त को, जब अस्पताल में प्रियंका से मिलने उसके ससुराल वाले भी आए, तो उसने अचानक कहा, “पापा, एक केक लाओ। मैं अपने अंतिम पलों का जश्न मनाना चाहती हूं।”
रिपोर्ट के मुताबिक उसने उनसे उस पर ‘पीहू-लकी’ लिखने को कहा। उसके पिता ने याद किया कि कैसे उसकी रिक्वेस्ट सुनकर वह अकेले रोना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं कर सके क्योंकि वह अपनी प्यारी बेटी को कमजोर महसूस नहीं कराना चाहते थे। प्रियंका ने अपने बिल्डर पति लक्ष्यराज के साथ केक काटा और सबको बांटते हुए कहा, ‘मैं हंसते हुए मरना चाहती हूं।’
नरपत सिंह, मूल रूप से जालौर के आहोर के पचनवा गांव के निवासी हैं और पश्चिम बंगाल के हुबली में जौहरी का काम करते हैं। प्रियंका ने हुबली से बीबीए की पढ़ाई पूरी की और सीए इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की, लेकिन अंतिम परीक्षा नहीं दे पाईं। जनवरी 2023 में, उन्होंने रानीवाड़ा, भटवास गांव के बिल्डर लक्ष्यराज सिंह भटवास से शादी की।
नरपत सिंह ने बताया, ‘पीहू हमारी आंखों का तारा थी। जब भी मैं उसके बारे में सोचता हूं, मुझे उसके छोटे-छोटे हाथ याद आते हैं और कैसे वह अपने प्यारे चेहरे से जो चाहती थी, पा लेती थी।’ उन्होंने आगे कहा, ‘उसने कभी कुछ नहीं मांगा। अपने अंतिम दिनों में भी, उसने कोई शिकायत नहीं की। ऐसा लगता है जैसे वह अभी भी हमारे बीच है।’
शादी के बाद, प्रियंका ने पैर में दर्द की शिकायत की, जिसे शुरू में नॉर्मल माना गया था। बाद में, फरवरी 2023 में मुंबई में एमआरआई के दौरान, उन्हें इविंग्स सारकोमा नामक एक रेयर हड्डी के कैंसर का पता चला। उनकी पहली सर्जरी मार्च 2023 में, दूसरी जून 2024 में और तीसरी 2 अगस्त 2024 को उदयपुर के पैसिफिक अस्पताल में हुई।
रिपोर्ट के मुताबिक 8 अगस्त तक, डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर घोषित कर दी और परिवार को हर तरह से उनकी देखभाल करने की सलाह दी। रीढ़ की तीन सर्जरी और केमो के बावजूद, बीमारी बढ़ती गई। 9 अगस्त को, असहनीय दर्द के कारण उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उन्हें केवल अस्थायी राहत ही मिली।
साहस के साथ मौत का सामना
अपनी मौत करीब जानकर, प्रियंका ने अपने आखिरी पलों का जश्न मनाने के लिए केक मंगवाया। आईसीयू में खुशी और गम का माहौल था क्योंकि उन्होंने सभी को खुद केक खिलाया और उन्हें आश्वासन दिया कि वह जल्द ही ठीक हो जाएंगी। यहां तक कि अस्पताल के कर्मचारी और ससुराल वाले भी कॉरिडोर में चुपचाप रो रहे थे, वे उनके सामने अपना दुख दिखाने को तैयार नहीं थे।
2 सितंबर को, हालांकि उनकी हालत बिगड़ गई, फिर भी उन्होंने अपने भाई जयपाल को वापस आने से पहले खाना खाने के लिए कहकर दिलासा दिया। ठीक 20 मिनट बाद, दोपहर 1 बजे, मुस्कुराते हुए उसकी मौत हो गई। उसके पिता ने कहा, ‘उसने हमें जिंदगी के दर्द का सामना मुस्कुराते हुए करना सिखाया।’