देश में एक बार फिर कोरोना के केस बढ़ने लगे हैं। हजारों की संख्या में रोजाना नए केस सामने आ रहे हैं। इससे देशवासियों के साथ ही साथ सरकार की भी चिंता बढ़ने लगी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना की स्थिति पर चर्चा करने के लिए 27 अप्रैल को देश में सभी मुख्यमंत्रियों की एक बैठक बुलाई। इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं देते हुए कुछ लोग कह रहे हैं कि लॉकडाउन मत लगाइयेगा तो कुछ कह रहे हैं कि लॉकडाउन लगा दीजिये, हमें कॉलेज नहीं जाना है।
प्रधानमंत्री मोदी के ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट कर जानकारी दी गई कि “27 अप्रैल को 12 बजे, राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ COVID-19 स्थिति की समीक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री बातचीत करेंगे।” इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ओम भानु नाम के यूजर ने लिखा कि ’21 दिन में कोरोना खत्म करने की बात कहने वाले, 2 साल बाद भी मीटिंग ले रहे है।’ आर्या नाम की यूजर ने लिखा कि ‘लॉकडाउन लगा दो मोदीजी, मेरा कॉलेज जाने का मन नहीं करता।’
केशव नाम के यूजर ने लिखा कि ‘सर मान साहब को रहने दो बुलाने के लिए। केजरीवाल जी बाद में ब्रीफ कर देंगे।’ दीपकरण नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ध्यान रखना कहीं फिर से केजरीवाल लाइव ना हो जाएं, प्रोटोकॉल तोड़कर।’ विनोद राठौर नाम के यूजर ने लिखा कि ‘फिर से लॉकडाउन लगाकर पीएम केयर फंड में पैसा बटोरने का सुनहरा अवसर है।’ मिहीर नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ऑनलाइन क्यों? आप लोग इसे ऑफलाइन भी कर सकते हैं। कोविड अब नियंत्रण में है। आप छात्रों से ऑफलाइन परीक्षा ले सकते हैं, तो आप सभी बाहर जाकर मीटिंग ऑफलाइन क्यों नहीं कर सकते?’
सुनीता नाम की यूजर ने लिखा कि ‘मोदी जी पेट्रोल और डीजल के दाम कम करें, इससे महंगाई बहुत बढ़ रही है और आम लोग बहुत परेशान हैं।’ दीक्षा नाम की यूजर ने लिखा कि ‘ठीक है लेकिन हमारे दिल्ली वाले (अरविंद केजरीवाल) की ज्यादा बातों को सच मत मानना, वो कुछ भी झूठ बोल सकते हैं।’ कृष्ण कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आपने तो पहले ही कह दिया था कि हम जीत गये हैं।’
सरफराज खान नाम के यूजर ने लिखा कि ‘इस वक्त कोविड से ज्यादा महंगाई पर ध्यान देने की जरूरत है।’ अमित नाम के यूजर ने लिखा कि ‘कब तक केस गिनते रहेंगे, टेस्टिंग, मास्क, सामाजिक दूरी, हाथ धोना और क्वारंटाइन, सब बंद कर सामान्य कर देना चाहिए।’ आकाश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘इतनी महत्वपूर्ण बैठक में कम से कम 3 सीएम अनुपस्थित होंगे (महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल शायद दिल्ली के भी)।’