Mahakumbh Viral Video: फिल्मों में दिखाया जाता है कि सालों पहले खोए-बिछड़े लोग महाकुंभ के मेले में मिल जाते हैं। हालांकि, एक पुलिसकर्मी के साथ असलियत में ऐसा ही हुआ। महाकुंभ में ड्यूटी कर रहे फायर ऑफिसर संजीव कुमार सिंह को उनकी स्कूल की दोस्त महाकुंभ में मिली। 36 साल बाद अपनी दोस्त रश्मि गुप्ता से मिलने के बाद उन्होंने वीडियो बनाया। वीडियो में उन्होंने जो कुछ कहा, अब वो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
संजीव और रश्मि से बातचीत करते दिखे
वायरल वीडियो में संजीव रश्मि से बातचीत करते दिख रहे हैं। साथ ही वे उनसे पूछते हैं कि महाकुंभ की व्यवस्था कैसी है। इस पर रश्मि जो लखनऊ के एक कॉलेज में टीचर हैं बताती हैं कि व्यवस्था बहुत अच्छी है। साथ ही दोस्त (संजीव) की मदद से उन्हें और सहूलियत हो गई। साथ ही वो ये भी कहती है कि संजीव स्कूल में काफी अंतरमुखी छात्र था, लेकिन अब उसकी पर्सनालिटी काफी अच्छी हो गई है।
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इस बात पर चुटकी लेते हुए संजीव ये कहते दिखते हैं कि अब तो उम्र 55 साल से अधिक हो गई है। अगर स्कूल टाइम में ही आप और अन्य लड़कियों ने ये बात कही होती तो हमारा समय अच्छा गुजरता। वो कहते हैं, “उस वक्त उन्होंने हमें जरा भी घास नहीं डाली, हमें भैरो बाबा का गण (भूत-पिसाच) समझती थीं। इनका गैंग नमस्ते-गुड मॉर्निंग का भी जवाब नहीं देता था। अब ये तारीफ कर रहीं। जो झूठी है। कोई नहीं मैं झूठी तारीफ भी स्वीकार करता हूं।”
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इस पर रश्मि कहती है कि उम्र के साथ मैच्योरिटी आती है। अब समझ आता है कि क्या अच्छा है और क्या खराब। हालांकि, संजीव इस पर भी अपनी खिंचाई जारी रखते हैं। वो कहते हैं कि हम तो अभी भी भोंदू (बुद्धू) ही हैं। लेकिन ये टीचर हैं, इसलिए मैच्योर भी हैं। इसलिए हम इनकी ये बात भी मानते हैं। खैर इतने साल बाद महाकुंभ में मुलाकात हुई थी, लेकिन इस मुलाकात में भी इन्होंने इतने मोहब्बत से हमें जलील किया। टीचरों की इसी अदा पर हम फिदा हैं।
यहां देखें वायरल वीडियो –
दो दोस्तों की बातचीत का ये वीडियो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो को अब तक लाखों लोग देख चुके हैं। वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए एक यूजर ने कहा, “देखिए कुंभ आते ही बंदी को नंबर मिल गया साहिब का …कुंभ का चमत्कार है या आवश्यकता का” दूसरे ने कहा,”लोग कुंभ में बिछड़ते थे यहां मुलाकात हो गई। हर हर गंगे।” तीसरे ने लिखा,”बिछड़े हुए सहपाठी कुम्भ मेले में मिले यह भी एक चमत्कार है।”
वहीं, एक अन्य ने कहा, “चाचा चौधरीयों का दिमाग कंप्यूटर से तेज चल रहा होगा लेकिन यह 2025 है। वैसे कोई भी खूबसूरत नॉस्टैल्जिया आदमी के चेहरे पर ठहराव के साथ सुकून और मुस्कान बिखेर ही देता है। संजीव जी अपने लिए 10 साल का ऑक्सीजन साथ ले जा कर रहे हैं। महाकुंभ का सादगी भरा वीडियो।”