चंद्रयान-3 की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ISRO सेंटर में वैज्ञानिकों से मुलाकात की और उन्हें संबोधित भी किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि 23 अगस्त को जब भारत ने चंद्रमा पर तिरंगा फहराया, उस दिन को अब राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इतना ही नहीं, पीएम मोदी ने जिस स्थान पर चंद्रयान-3 उतरा है उस स्थान का भी नामकरण का ऐलान किया है।

वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए क्या बोले पीएम मोदी?

पीएम ने अपने संबोधन में बताया, ‘चंद्रमा के जिस स्थान पर चंद्रयान-3 ने अपने पदचिन्ह छोड़े हैं, वह प्वाइंट अब ‘तिरंगा’ कहलाएगा।’ इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस स्थान पर चंद्रयान-3 का मून लैंडर उतरा है, उस स्थान को ‘शिवशक्ति’ के नाम से जाना जाएगा। ‘शिव शक्ति’ नाम दिए जाने पर सोशल मीडिया पर लोगों की खूब प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

सोशल मीडिया पर आ रहे ऐसे रिएक्शन

@MrinalPande1 ने लिखा, ‘शायद आगे सही समय भांप कर वहां वर्चुअल मंदिर बनाने की घोषणा भी हो जाये।’ जीतेन्द्र कुमार नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘चन्द्रायन-3 के उतरने वाले स्थल को ‘शिव शक्ति’ स्थल कहकर आप धर्मांध हिन्दूओं का तुष्टिकरण कर रहे हैं लेकिन देश का बहुसंख्य हिन्दू भी उसे स्वीकार नहीं कर पा रहा है क्योंकि उन्हें देश की बहुलता पर गर्व है।’

जैकी यादव नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘मोदी जी नाम रखने वाले कौन होते हैं, ये अधिकार तो ISRO का है। जब ये देश धर्मनिरपेक्ष है तो हिन्दू धर्म पर नाम क्यों? देश में हिन्दू मुस्लिम करने के बाद अब ये लोग चांद पर भी वही खेल खेल रहे।’ वहीं एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा, ”शिव शक्ति’ की जगह उस जगह का नाम कलाम साहब के नाम पर भी तो रखा जा सकता था? धर्म से ऊपर उठकर सोचने की जरूरत है।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संबोधन में ‘शिव शक्ति’ नाम दिए जाने के पीछे की वजह भी बताई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्पेस मिशन्स के टचडाउन प्वाइंट को एक नाम दिये जाने की वैज्ञानिक परंपरा है। ‘शिव’ में मानवता के कल्याण का संकल्प समाहित है और ‘शक्ति’ से हमें उन संकल्पों को पूरा करने का सामर्थ्य मिलता है।

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि हम वहां पहुंचे जहां कोई नहीं पहुंचा था। हमने वो किया जो पहले कभी किसी ने नहीं किया। मेरी आंखों के सामने 23 अगस्त का दिन, एक-एक सेकंड बार-बार घूम रहा है। ‘एक समय था जब हमारी गिनती Third Row में होती थी। आज ट्रेड से लेकर technology तक, भारत की गिनती पहली पंक्ति यानी ‘First Row’ में खड़े देशों में हो रही है।