प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को देश को संबोधित करते हुए कहा था कि 9 नवंबर से 500 और 1000 रुपए के बड़े नोट सिर्फ कागज के टुकड़े बन कर रह जाएंगे। इनसे कुछ नहीं हो सकेगा। ओडिशा के लड़के ने इन्हीं कागज के नोटों से कुछ ऐसा किया है, जिसके बारे में पीएम मोदी ने भी नहीं सोचा होगा। उस लड़के ने 500 रुपए के बंद हो चुके नोट से बिजली पैदा करने का दावा किया है। डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के मुताबिक ओडिशा के नौपाड़ा जिले के खरैर कॉलेज में पढ़ने वाले लक्ष्मण दुंदी ने दावा किया है कि उसने पुराने नोटों में मौजूद सिलिकन से बिजली पैदा की है।
इंटर में पढ़ने वाले स्टूडेंट ने अपने दावे के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि 500 के पुराने नोट में मौजूद सिलिकन को सूरज की किरणों (सनलाइट) में या लाइट के किसी और स्त्रोत के संपर्क में ले जाने पर वह बिजली पैदा करता है। इसके लिए सिलिकॉन की एक प्लेट को नोट की दोनों तरह के हिस्से को जोड़ने की जरूरत होती है। धूप के संपर्क में लाने पर यह 5 वोल्ट की बिजली पैदा करता है। रिपोर्ट के मुताबिक नोट को एक तार के सहारे ट्रांसफॉर्मर से जोड़ा जाता है जो कि 220 वोल्ट बिजली पैदा कर सकती है। उसका दावा कि इस बिजली को बैटरी में स्टोर कर लेने पर इसे 24 घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
मजदूर दंपति का बेटा लक्ष्मण स्थानीय बाजार में अपने द्वारा असेम्बल किए एलईडी बल्ब बेचकर अपनी पढ़ाई का खर्च उठा रहा है। नोटबंदी के बाद उसने 500 रुपए के पुराने नोटों के साथ प्रयोग किया जिसके बाद वह इस निष्कर्ष पर पहुंचा। वहीं, साइंस के एक टीचर का कहना है कि सोलर पैनल सिलिकन सैल्स को आपस में मिलाकर बनाए जाते है। अगर 500 रुपए के नोट पर वाकई में सिलिकन का कोट होता है तो सोलर सेल्स के रूप में इसका इस्तेमाल करके बिजली बनाई जा सकती है।
हालांकि जनसत्ता.कॉम लक्ष्मण के इस दावे की पुष्टि नहीं करता है। अगर उसका दावा सही तो यह वाकई में अच्छी खबर है।