दिल्ली विधानसभा में आज बजट 2022-23 पेश होने का बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार इस बजट में ट्रैफिक लाइट पर भीख मांगने वाले बच्चों की जिंदगी बदलने के लिए नई योजना लेकर आई है। इसके तहत ऐसे बच्चों के लिए स्कूल खोले जाएंगे। जहां उनके रहने और पढ़ने की व्यवस्था होगी। अरविंद केजरीवाल के इस बयान के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने केजरीवाल पर पलटवार कर दिया।

बच्चों को लेकर क्या बोले सीएम केजरीवाल?: दिल्ली सीएम केजरीवाल ने बताया कि “बच्चों के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। ट्रैफिक लाइट पर खड़े बच्चों की तरफ आज तक किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया, वो इसलिए क्योंकि वो “वोट बैंक” नहीं होते। हम उनका ध्यान रखेंगे। हमारी सरकार उन बच्चों के लिए शानदार स्कूल बनाएगी, वो वहीं रहेंगे, वहीं पढ़ेंगे। एक बेहतर नागरिक बनाएंगे।”

प्रियंक कानूनगो ने किया पलटवार: अरविंद केजरीवाल के इस बयान पर पलटवार करते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने लिखा कि “माननीय सर्वोच्च न्यायालय नवम्बर माह से बार बार लगातार सड़क पर रह रहे बच्चों को पुनर्वासित करने का निर्देश दे रहे हैं,लेकिन दिल्ली सरकार की अकर्मण्यता से केवल 1800 बच्चों को प्रक्रिया में  लाया गया है। दिल्ली की सड़कों पर रह रहे 73000 बच्चों की जानकारी दिल्ली सरकार को 2 साल पहले दी गयी थी जिसमें से एक भी बच्चे को पुनर्वासित नहीं की गया,इसके लिए की गयी समीक्षा बैठकों से दिल्ली सरकार ग़ायब रही। न्यायालय के इस सम्बंध नीति बनाने के निर्देश का आज तक पालन नहीं हुआ।”

“झूठ बोल रहे हैं सीएम केजरीवाल”: प्रियंक कानूनगो ने आगे लिखा कि “अब जबकि सोमवार को माननीय न्यायालय में इस मामले की सुनवाई है तब अरविंद केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं। मुख्यमंत्री की सार्वजनिक स्वीकारोक्ति कि “दिल्ली के बालगृहों में बच्चों का खयाल नहीं रखा जाता एवं वे भागने को मजबूर हो जाते हैं। इसको बेहद गम्भीरता से लिया गया है व नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण एवं कार्यवाही का विवरण मांगा जा रहा है।”

लोगों की प्रतिक्रियाएं: सीएम केजरीवाल पर प्रियंक कानूनगो के पलटवार पर लोग भी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। शरद त्रिपाठी नाम के यूजर ने लिखा कि “भैया दिल्ली के स्वयमं भू मालिक की पोल यहां भी खुल गयी।” चन्द्र सिंह बोहरा नाम के यूजर ने लिखा कि “केजरीवाल जी कितने साल से दिल्ली में आपकी सरकार है, झूठों के सरदार?”

किशन जी नाम के यूजर ने लिखा कि “केजरीवाल जी अपनी सरकार की विफलताओं को भी उपलब्धि की तरह बताते हैं।” छत्रपाल सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि “कौन सी चीजों को पब्लिक में कब लाना है इसका मैनेजमेंट केजरीवाल से बेहतर कोई नहीं कर सकता। इसलिए पोल खुलने का थोड़ा भी फर्क केजरीवाल पर नहीं पड़ता।” किशोर जोशी नाम के यूजर ने लिखा कि “अच्छा तो पूरा मामला वोट बैंक का नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले का है।”