साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी। इसके बाद सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले तमाम लोगों और विपक्षी नेताओं की धर-पकड़ शुरू हो गई। उन्हें जेल में डाला जाने लगा। उस वक्त आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी समेत भाजपा के तमाम नेताओं को जेल में बंद कर दिया गया था। इमरजेंसी के दौरान नरेंद्र मोदी आरएसएस के कार्यकर्ता के तौर पर कार्य करते थे और गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्हें अपना वेश बदलना पड़ा था।
असली सरदार से हो गया नरेंद्र मोदी का सामना: गुजरात आरएसएस के कार्यकर्ता राजीव दवे Modistory.in से आपातकाल के दौर का किस्सा साझा करते हुए बताते हैं”आपातकाल के दौरान आरएसएस कार्यकर्ताओं और नेताओं को जेल में डाला जा रहा था। संघ के कार्यकर्ता छुप-छुप कर रह रहे थे। मोदी जी घर में भगवा वस्त्र धारण करते थे और जब बाहर निकलते थे तो सरदार जी के वेश में निकलते थे।”
वे कहते हैं, ‘एक बार जब वे सरदार के वेश में बाहर निकले तो उन्हें एक सरदार रिक्शा वाला मिल गया और वो पंजाबी में बात करने लगा। उस वक्त मोदी जी के सामने मुसीबत खड़ी हो गई थी। जब रिक्शा वाले सरदारजी ने मोदी जी से पंजाबी में बात करना शुरू किया तो मोदी जी ने कहा कि देखो, मैं बचपन से ही गुजरात में रहा हूं इसलिए मेरी पंजाबी थोड़ी कमजोर है। इस तरह मोदी जी ने सरदार से खुद की पहचान छिपाई थी और बात को संभाल लिया था।’
पुलिस वाले को चकमा देकर निकल गए थे मोदी: उसी दौर का नरेंद्र मोदी से जुड़ा एक किस्सा बताते हुए गुजरात के रोहित भाई अग्रवाल कहते हैं”आपातकाल के वक्त नरेंद्र मोदी हमारे घर पर वेश बदल कर रहे थे। एक बार वे सरदार जी के वेश में बाहर निकल रहे थे तो सामने पुलिस वाला मिल गया, उसने पूछा कि यहां नरेंद्र भाई कहां रहते हैं? तो उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता, आप अन्दर जाकर पूछ सकते हैं।” रोहित भाई कहते हैं कि पुलिस वाले घर में चेकिंग करने गए तो नरेंद्र मोदी स्कूटर लेकर निकल गये, मेरे भाई ने उन्हें जहां जाना था, लेजाकर छोड़ दिया। एक बार तो सरदार वेश में हम लोग खुद नहीं पहचान पाए थे कि ये नरेंद्र मोदी हैं।
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी खुद कई बार बता चुके हैं कि आपातकाल के दौरान वह वेश बदल कर घूमते थे और छुप-छुप कर नेताओं से मुलाकात करते थे। आपातकाल के दौरान पुलिस उनकी तलाश में थी लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई थी।
गौरतलब है कि आपातकाल के वक्त भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी गिरफ्तार कर लिए गये थे। वे एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने बैंगलोर पहुंचे थे। अटल जी को उस वक्त गिरफ्तार किया गया था जब वो लालकृष्ण आडवानी के साथ नाश्ता कर रहे थे। दोनों को एक ही जेल में रखा गया था।