उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है। ऐसे में यूपी के राजनीतिक सुगबुगाहट तेज हो गई है। नेता अपने बयानों के जरिए विपक्षी पार्टी पर हमला बोल रहे हैं। एक पार्टी से दूसरी पार्टी के मुलाकात का सिलसिला भी तेजी से हो रहा है। हाल में ही राजद पार्टी के नेता लालू प्रसाद यादव ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव से दिल्ली में मुलाकात की है।

यहां पर आपको बता दें कि लालू प्रसाद यादव ने 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव के समर्थन में रैली भी की थी। इस दौरान उन्होंने अपने चुटीले अंदाज के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। यूपी 2017 विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव ने वाराणसी की सड़कों पर घूम घूम कर अखिलेश यादव के लिए प्रचार किया था।

एक रैली को संबोधित करने के बाद लालू प्रसाद यादव पान की दुकान पर पहुंचे थे। वहां पर उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा था कि, ‘ यहां के पान का कोई जवाब नहीं है। इसी पर मुन्नवर राणा ने इस बनाया है…. नरेंद्र मोदी पर… इनको मोहब्बत में आंसू बहाना नहीं आता, रहकर बनारस में पान खाना नहीं आता।’

दूसरी रैली को संबोधित करते हुए बिहार के तत्कालीन सीएम ने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि वे तालियां बजाकर भाषण देते हैं। पूछा बताइए ऐसा कौन करता है…? उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा था कि यहां के बुजुर्ग हमारे समधी हैं और उनकी घरवाली हमारी समधिन। उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा था कि नरेंद्र मोदी बोलते हैं कि गंगा मैया ने बुलाया है। सभी जानते हैं कि गंगा मैया लोगों को कब बुलाती हैं। गंगा मैया ने नरेंद्र मोदी को इसलिए बुलाया है कि उनका अब राजनीतिक पतन हो चुका है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जबरदस्त आंधी में दूसरे दलों कि नैया डूब गई थी। लालू प्रसाद यादव का भाषण समाजवादी पार्टी के लिए फायदा नहीं पहुंचा पाया था।  जनता ने अखिलेश के ‘काम बोलता है’ स्लोगन को सिरे से नकार दिया था। यहां पर बात दें कि, लालू प्रसाद यादव के समाजवादी पार्टी मुखिया के साथ पारिवारिक संबंध हैं। लालू यादव ने अपनी छोटी बेटी की शादी मुलायम सिंह यादव के पोते के साथ साल 2015 में की थी।