आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में रविवार को कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है। उन्होंने कहा कि देश में एकता के बिना विकास संभव नहीं है।

उनकी इसी बात पर लोग सोशल मीडिया पर उनका मजा ले रहे हैं। एक पत्रकार ने लिखा कि एक था रावण। कहते हैं उसके दस मुँह थे। यानी सबसे अलग-अलग बात करता था एक है संगठन। उसका एक नेता कहता है कि लिंचिंग ग़लत है। एक कहता है लिंचिंग जैसी कोई चीज़ नहीं। एक पंचायत में बच्चों तक पर ज़बानी हमला करता है। एक गोडसे को माला चढ़ाता है। एक गांधी को…इस रावण के कितने मुँह हैं।

@shilpakolte ट्विटर अकाउंट से मजे लेते हुए लिखा गया है कि इनका मार्गदर्शक मंडल जाने का समय आ गया है। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने लिखा कि नफ़रत फैलाने वालों का DNA भी बता दो मोहन जी। @SPkuldeepYadav टि्वटर अकाउंट से उनके इस बयान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व योगी आदित्यनाथ से जोड़ते हुए लिखा कि जो मुसलमानो को भारत से भगाने कि बात करता है वो हिन्दू नहीं हो सकता, तो योगी आदित्यनाथ, और मोदी को हमलोग क्या समझें।

उनके इस बयान पर कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने ट्वीट करते हुए मोदी सरकार से एक मांग कर दी। उन्होंने लिखा कि कॉंग्रेस ने हमेशा से मॉंग की है कि लिंचिंग के ख़िलाफ़ कड़ा क़ानून बनना चाहिये अब मोहन भागवत ने भी लिंचिंग की निंदा कर दी है तो नरेंद्र मोदी जी से अपील है कि RSS प्रमुख के बयान का सम्मान करते हुए लिंचिंग के खिलाफ़ एक मज़बूत क़ानून बनायें, जिससे इन आतंकी वारदातों पर लगाम लग सके।

@iamm टि्वटर हैंडल से कमेंट किया गया कि, ‘साथ में लिंचिंग करने वालों का DNA भी बता देते? अरे हाँ याद आया नीतीश कुमार का DNA भी तो कुछ अलग है। ये हम नहीं कह रहे ये अपने मोदी जी ने ही सब को बताया था ये कौनसा DNA है।’ मोहन भागवत के इस बयान पर एक टि्वटर यूजर ने मजे लेते हुए शायराना अंदाज में लिखा कि ये जो तुम मोहब्बतों के अफ़साने सुना रहे हो… हमको ख़बर है किसी बात का डर है जो तुम छिपा रहे हो।