जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की विदाई के बाद उन पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी का एजेंडा चला रहे थे। उनके बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार भी किया है। वहीं सोशल मीडिया पर भी लोग महबूबा मुफ्ती के बयान पर कई तरह के कमेंट करते नजर आ रहे हैं।

महबूबा मुफ्ती का बयान

महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर लिखा, ‘ चाहे आर्टिकल 370 की बात हो या नागरिकता कानून, अल्पसंख्यकों या दलितों को निशाना बनाना हो। रामनाथ कोविंद ने हमेशा ही भारतीय संविधान के नाम पर बीजेपी के राजनीतिक एजेंडे को पूरा किया है। राष्ट्रपति अपने पीछे ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जहां भारतीय संविधान को अनेक बार कुचला गया है।’ बता दें कि राष्ट्रपति के विदाई वाले दिन महबूबा मुफ्ती के इस ट्वीट के बाद राजनीतिक गलियारों में गर्मी बढ़ गई। बीजेपी नेताओं ने उनके इस बयान की निंदा की।

तिरंगा अभियान पर भी महबूबा मुफ्ती ने लगाया यह आरोप

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत 13 से 15 अगस्त के बीच हर घर तिरंगा कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस पर महबूबा मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर प्रशासन पर हर घर तिरंगा मुहिम के तहत लोगों को राष्ट्रीय ध्वज खरीदने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि देश भक्ति स्वयं आती है और इसे थोपा नहीं जा सकता है।

महबूबा मुफ्ती के बयान पर लोगों की प्रतिक्रियाएं

प्रहलाद यादव नाम के एक ट्विटर यूजर ने कमेंट किया कि आप कॉन्स्टिट्यूशन के तहत आने वाले राष्ट्रपति पर सवाल उठा रही हैं और वहीं यह भी कह रही है कि उन्होंने संविधान को कुचला है। आप एक बार यह क्लियर कर लीजिए कि कहना क्या चाह रही हैं। परमहंस त्रिवेदी नाम के एक ट्वीट यूजर ने कमेंट किया – आर्टिकल 370 का रोना कब तक रोएंगी महबूबा मुफ्ती जी, हिंदुस्तान इससे बहुत आगे बढ़ चुका है। ध्यान रहे राष्ट्रपति का पद देश का सर्वोच्च संवैधानिक पद होता है, आपका राष्ट्रपति जी के लिए दिए गए बयान की निंदा करता हूं।

बीजेपी नेता ने यूं किया पलटवार

जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम निर्मल सिंह ने महबूबा मुफ्ती के बयान पर पलटवार कर कहा कि महबूबा इतनी हद तक चली जाएंगी सोचा नहीं था, जो दलित समाज से आते हैं और वो राष्ट्रपति बने। गरीब और दलित का प्रतिनिधित्व करते रहे, इससे निचले स्तर की बात नहीं हो सकती। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पीएम और सरकार को जितनी भी गाली निकालो लेकिन राष्ट्रपति के बारे में ऐसा ना कहना, जबकि वह पद छोड़ रहे हैं।