उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजनीति में समीकरण समय के अनुसार बदलते रहते हैं। कभी सपा-बसपा मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो कभी सपा कांग्रेस के मिलकर चुनाव में उतरती है, चुनाव के बाद फिर समीकरण बदल जाते हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश विधानसभा के पिछले दो चुनावों में सपा-बसपा (SP-BSP) के सभी समीकरण फेल होते दिखाई दिए। बसपा पर आरोप लगाया गया कि अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी को फायदा पहुंचाने का काम करती है। अब सोशल मीडिया पर मायावती (Mayawati) का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह बता रही हैं कि वह बीजेपी (BJP) पर हमला क्यों नहीं करती हैं।
भाजपा को लेकर क्या बोलीं मायावती?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति मायावती से पूछ रहा है कि वह भाजपा, मोदी और सीएम योगी (BJP, Modi, CM Yogi) के विरुद्ध क्यों नहीं बोलती हैं? इस पर मायावती ने कहा कि ज्यादातर मैं अपनी पार्टी की नीतियों के बारे में बात करती हूं। मैं किसी पर व्यक्तिगत हमले नहीं करती हूं। मायावती के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
एक यूजर ने लिखा कि अपनी सरकार में बहुत बड़ा घोटाला किया था। ताज कॉरिडोर,फिरोजाबाद और कई अन्य हैं,जिससे इनकी पोल खुल जायेगी। इसलिए बीजेपी खिलाफ नही बोल पा रही हैं। नितेश कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि बहुत सही बहन जी, किसी पर टिप्पणी करने से अच्छा है कि अपने किए हुए कार्यों को लोगों को बताया जाए। राजेश नाम के यूजर ने लिखा कि भाजपा के साथ इनका आंतरिक गठबंधन है, इसीलिए यह भाजपा पर कुछ नहीं बोलती हैं।
विकास यदुवंशी नाम के यूजर ने लिखा कि बहन जी CBI और ED के डर से नहीं बोलती है! बसपा पार्टी पूरी तरह से खत्म हो चुकी है! बेहतर होगा कि बसपा के भाई लोग सपा का साथ देकर बीजेपी के बाबा योगी और मोदी से देश को बचाएं। शिवपाल यादव नाम के यूजर ने लिखा कि बहन की पार्टी की नीतियों पर इतना ध्यान देती है कि उत्तर प्रदेश में एक सीट बची है। जीतू सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि बसपा करने पर विश्वास करती है बोलने पर नहीं।
बता दें कि मायावती (Mayawati, BSP) तीन बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। हालांकि इस वक्त बसपा की स्थिति बेहद खराब है। विपक्ष के कई नेताओं ने आरोप लगाया है कि चुनावों में बसपा ने बीजेपी को फायदा पहुंचाया। यही वजह है कि बीजेपी एक बार फिर सत्ता में वापसी करने में कामयाब हो गई और सपा हार गई। हालांकि सपा-बसपा ने जब एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था तो भी कुछ कामयाबी हाथ नहीं लगी थी।