आगामी लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी दलों को साथ लाने की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कवायद के तहत शनिवार (19 जनवरी) को कोलकाता में आयोजित विशाल रैली में प्रमुख विपक्षी दलों के नेता एक मंच पर नजर आए और उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने की हुंकार भरी। रैली के बाद वहां पहुंचे नेताओं नेताओं के लिए एक भोज का आयोजन किया गया था। इस भोज की एक तस्वीर सामने आयी है, जिसमें ममता बनर्जी खुद अपने हाथों से मेहमानों को खाना परोख खिला रही हैं। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। लोग इसकी काफी तारीफ कर रहे हैं।
अंबरिश कुमार ने इस तस्वीर को फेसबुक पर शेयर करते हुए लिखा है, “अहंकार के इस दौर में एक मुख्यमंत्री खुद अपने हाथ से खाना परोसे तो सुखद लगता है। आज भी ममता बनर्जी रबड़ वाली चप्पल और सूती साड़ी में बाहर निकलती हैं। गांधी सादगी पर जोर देते थे। आज होते तो लोग उन्हें रोज नया सूट और पगड़ी पहनाने की कोशिश तो जरुर करते। अतिथियों को हाथ से खाना परोसने की परम्परा लोग भूल रहे है इसलिए यह फोटो अलग लगी।”
वहीं, एक अन्य फेसबुक यूजर राजकुमार सिन्हा ने लिखा, “अतिथि को स्वंय अपने हाथ से भोजन कराना हमारी परंपरा रही है। ममता जी के इस रूप को देखकर अच्छा लगा।” इसी तरह एक अन्य यूजर ने लिखा, “सादगी तथा संघर्ष की मिशाल ममता जी को बधाई।”
जनसैलाब की मौजूदगी में हुई इस रैली में पूर्व प्रधानमंत्री एवं जनता दल सेक्यूलर प्रमुख एच डी देवेगौड़ा, तीन वर्तमान मुख्यमंत्री – चंद्रबाबू नायडू (तेलुगु देशम पार्टी), एचडी कुमारस्वामी (जनता दल सेक्यूलर) और अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी), छह पूर्व मुख्यमंत्री – अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी), फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला (दोनों नेशनल कांफ्रेंस), बाबूलाल मरांडी (झारखंड विकास मोर्चा), हेमंत सोरेन (झारखंड मुक्ति मोर्चा) और इसी हफ्ते भाजपा छोड़ चुके गेगांग अपांग, आठ पूर्व केंद्रीय मंत्री- मल्लिकार्जन खड़गे (कांग्रेस), शरद यादव (लोकतांत्रिक जनता दल), अजित सिंह (राष्ट्रीय लोक दल), शरद पवार (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी), यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, शत्रुघ्न सिन्हा और राम जेठमलानी ने हिस्सा लिया।
इनके अलावा, राजद नेता एवं बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, बसपा सुप्रीमो मायावती के प्रतिनिधि एवं राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्रा, पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और जानेमाने दलित नेता एवं गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी भी मंच पर नजर आए।
आयोजक के रूप में एक तरह से इस रैली की अगुवाई कर रही ममता ने कहा कि मोदी सरकार की ‘एक्सपायरी डेट (उपयोग करने की अवधि)’ खत्म हो गई है। उन्होंने कहा कि राजनीति में शिष्टता होती है लेकिन भाजपा इसका पालन नहीं करती और जो भाजपा के साथ नहीं होता उसे वे चोर बता देते हैं। रैली में ममता ने ‘बदल दो, बदल दो, दिल्ली की सरकार बदल दो’ का नारा भी दिया। संयुक्त विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के मुद्दे पर ममता ने कहा कि विपक्षी दल एकसाथ मिलकर काम करने का वादा करते हैं और प्रधानमंत्री कौन होगा इस पर फैसला लोकसभा चुनाव के बाद होगा। (एजेंसी इनपुट के साथ)