केंद्र सरकार ने PFI समेत आठ अन्य संगठनों पर पांच साल के लिए बैन लगाने का फैसला किया है। केंद्र सरकार का यह फैसला आते ही सोशल मीडिया पर यह मामला ट्रेंड करने लगा। कई नेताओं, पार्टियों और संगठनों द्वारा सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी जा रही है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आरएसएस पर भी बैन लगाने की मांग की है।

लालू प्रसाद यादव ने RSS पर बैन लगाने की मांग की

पत्रकारों से बात करते हुए लालू प्रसाद यादव ने कहा कि सबसे पहले आरएसएस पर बैन लगना चाहिए। ये बदतर संगठन है। आरएसएस देश में साम्प्रदायिकता फैलाने का काम कर रही है। PFI की तरफ ही इसकी भी जांच होनी चाहिए और इस पर भी बैन लगना चाहिए। लालू प्रसाद यादव ने भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने की बात दोहराते हुए कहा कि हम और नीतीश जी सोनिया गांधी से मिल चुके हैं। कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव खत्म होने के बाद हम फिर बैठक करेंगे।

लोगों की प्रतिक्रियाएं

लालू प्रसाद यादव के बयान पर सोशल मीडिया पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। @rakeshpandeykol यूजर ने लिखा कि मेरी अपील है केन्द्र सरकार से कि राजद को भी बैन किया जाना चाहिए, ये लोग तुष्टीकरण की राजनीति के लिए PFI जैसे संगठन के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। ये लोग भी देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। @NudratNawaz2 यूजर ने लिखा कि PFI द्वारा नफरत और द्वेष फैलाने का एक सबूत भी पेश कर दें। केवल बैलेंस बनाने के लिए PFI को RSS से जोड़ना आपकी नकारात्मक सोच को उजागर कर रहा है।

@shantanu_yadav1 यूजर ने लिखा कि लालू प्रसाद यादव जी सही कह रहे हैं कि सबसे पहले RSS पर प्रतिबंध लगना चाहिए। पूरे देश में नफरत का माहौल बना कर रखा हुआ है। दंगा – फसाद, हिन्दू मुस्लिम करना ही BJP का पहली प्राथमिकता है। @KBhadrya यूजर ने लिखा कि जब UPA की सरकार थी, तब बैन क्यों नहीं लगाया? RSS एक देशभक्त संगठन है। PFI देश विरोधी है और रही बात बैन की तो सबसे पहले जो जातिवाद संगठन बनाकर राजनीति करते हैं उन दलों पर बैन लगना चाहिए।

आरएसएस पर बैन लगाने की मांग करने वालों में लालू प्रसाद अकेले नहीं है बल्कि केरल मल्ल्पुरम से कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश ने कहा कि हम आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं पीएफआई पर बैन कोई उपाय नहीं है। आरएसएस भी पूरे देश में हिंदू साम्प्रदायिकता फैला रहा है। आरएसएस और पीएफआई दोनों समान हैं, इसलिए सरकार को दोनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। केवल पीएफआई पर ही बैन क्यों?