आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने जातिगत जनगणना को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है। वह बिहार की सियासत में लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं। उन्होंने कई जानवरों का नाम लेते हुए सवाल किया है कि बीजेपी और आरएसएस को पिछड़ों से इतनी नफरत क्यों हैं?

उन्होंने अपने आधिकारिक टि्वटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा है कि जनगणना में साँप-बिच्छू, तोता-मैना, हाथी-घोड़ा, कुत्ता-बिल्ली, सुअर-सियार सहित सभी पशु-पक्षी पेड़-पौधे गिने जाएंगे लेकिन पिछड़े-अतिपिछड़े वर्गों के इंसानों की गिनती नहीं होगी। वाह। BJP/RSS को पिछड़ों से इतनी नफ़रत क्यों? जातीय जनगणना से सभी वर्गों का भला होगा। सबकी असलियत सामने आएगी।

उन्होंने एक दूसरा ट्वीट करते हुए लिखा कि BJP-RSS पिछड़ा/अतिपिछड़ा वर्ग के साथ बहुत बड़ा छल कर रहा है। अगर केंद्र सरकार जनगणना फ़ॉर्म में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़कर देश की कुल आबादी के 60 फ़ीसदी से अधिक लोगों की जातीय गणना नहीं कर सकती तो ऐसी सरकार और इन वर्गों के चुने गए सांसदों व मंत्रियों पर धिक्कार है। इनका बहिष्कार हो।

लालू प्रसाद यादव के ट्वीट पर तमाम लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। एक टि्वटर यूजर ने उनसे सवाल किया है कि आदरणीय बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के रेल मंत्री लालू सर क्या जातीय गणना से जातिवाद नहीं फैलेगा? @imrajnish145 टि्वटर हैंडल से कमेंट किया गया कि क्योंकि पता है भाजपा के लोगों को कि जब दलित अल्पसंख्यक, अति पिछड़ा। अपनी संख्या जान जाएंगे तो हक और अधिकार मांगेंगे।

जानकारी के लिए बता दें कि राजद की पहल पर जातिगत जनगणना के लिए बिहार विधानसभा से दो बार प्रस्ताव भी पास किया गया है, लेकिन केंद्र सरकार ने बीते दिनों लोकसभा में इसको लेकर कहा है कि हम इसके बारे में कोई विचार नहीं कर रहे हैं। इस सिलसिले में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा था। जिसके बाद यह जानकारी सामने आई थी कि पीएम मोदी ने कहा है कि इस मामले पर विचार किया जाएगा।