बिहार विधानसभा चुनाव 2015 के दौरान नरेंद्र मोदी ने लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए उनके राज को जंगलराज और जातिवाद का उदाहरण बताया था। लालू प्रसाद यादव भी अपने चुटीले अंदाज के जरिए पीएम मोदी पर हमला बोलते रहते थे। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि बिहार से बीजेपी को नथनी पहनाकर भेजेंगे।
दरअसल विहार विधानसभा चुनाव 2015 के दौरान मुजफ्फरपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने लालू प्रसाद यादव पर जमकर निशाना साधा था। जिसपर लालू यादव ने पलटवार करते हुए नरेंद्र मोदी को कालिया नाग तक कह दिया था। अपने पुराने अंदाज में जातिवादी जनगणना का समर्थन करने पहुंचे लालू प्रसाद यादव ने टम – टम की सवारी की थी। इसी दौरान उन्होंने अपने एक संबोधन में कहा था कि, ‘ यह जो कालिया नाग है… नरेंद्र रूपी। यह पूरे देश के लोगों में जहर भर रहा है.. सब के शरीर में पॉइजन भरने का काम कर रहा है।’
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि बीजेपी को नथनी पहनाकर बिहार से भेज देंगे। ऐसे ही पूरे देश को हम सब मिलकर मुक्त करा देंगे। आरजेडी नेता लालू यादव यहीं नहीं रुके उन्होंने पीएम मोदी को कंस तक कह डाला था। उन्होंने कहा था कि कंस का अत्याचार हुआ था… जिसका वह मामा था वह हम लोगों की ही जाति बिरादरी का था।
लालू यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के एक दिन पहले भी पीएम मोदी और अमित शाह पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि अमित अमित शाह और मोदी दोनों कोमा में चले गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि मोदी प्रधानमंत्री के रूप में नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा था कि मैं वाराणसी में लालटेन लेकर जाऊंगा और देखूंगा कि मोदी ने वहां जो वादा किया था वह पूरा किया कि नहीं।
पीएम मोदी के विदेशी दौरे पर भी लालू प्रसाद यादव ने सवाल उठाते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री बिहार में सीएम पद के लिए NRI उम्मीदवार लेने विदेश गए हैं। क्योंकि बिहार में कोई काबिल चेहरा इनके पास नहीं है। बता दें कि इस विधानसभा चुनाव में महा गठबंधन ने एसडीओ को करारी मात दी थी। लालू यादव ने जबरदस्त वापसी करते हुए अपनी पार्टी राजद को नंबर वन बना लिया था, जबकि बीजेपी सीटों के मामले में नंबर तीन पर थी। जिसके बाद नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। लेकिन यह गठबंधन ज्यादा दिन तक नहीं टिक पाया। और नीतीश ने लालू का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था।