पंजाब में भगवंत मान के शपथ ग्रहण समारोह के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक वर्चुअल बैठक की। सभी विधायकों के साथ सीएम मान समेत कई बड़े नेता बैठक में शामिल हुए। दिल्ली सीएम केजरीवाल ने भगवंत मान की तारीफ करते हुए कहा कि “भगवंत मान ने 16 तारीख को शपथ ली, 3 दिनों में ही लोगों को काम करके दिखाया। पुराने मंत्रियों की सुरक्षा हटाया, बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा जारी किया, एंटी करप्शन हेल्पलाइन शुरू की गई। 25,000 नौकरियों का ऐलान किया गया।”

केजरीवाल ने बीजेपी पर कसा तंज: केजरीवाल ने कहा कि “पंजाब में भगवंत मान ने शपथ भी ले ली, उनकी ओर से काम भी शुरू हो गए। जबकि भाजपा जो 4 राज्यों में जीती थी, उनसे सरकार तक नहीं बन पाई है। अभी उनके लड़ाई-झगड़े ही चल रहे हैं।” केजरीवाल के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

लोगों की प्रतिक्रियाएं: अविनाश कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि “भाजपा में कुर्सी पर बैठने की जल्दबाजी नहीं होती। जिनके यहां साजिशें चलती हैं वही झट से कुर्सी लूट लेते हैं। मान साहब को आपके बारे में पता है।” विवेक नाम के यूजर ने लिखा कि “ये दूसरे की थाली में ही झांकते रहते हैं।” एक यूजर ने लिखा कि “भाजपा वाले पहले ही बता चुके है कि होली बाद 4 राज्यों में मुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण होगा फिर भी अफवाह फैला रहे हैं।”

वेदांत शर्मा ने लिखा कि “भाई साहब आपकी पार्टी में सदस्य ही कितने हैं। भाजपा में तो इतने हैं कि आपकी गिनती खत्म हो जाएगी।” धर्मेन्द्र कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि “अब EVM को दोष नहीं देंगे आप? जब सरकार नहीं बनी थी तब दिल्ली विधानसभा में EVM का डेमो दिखा रहे थे कि कैसे EVM हैक किया जाता है। इनके प्रचण्ड बहुमत पर अब मुझे शक होता है।”

निशांत नाम के यूजर ने लिखा कि “दिल्ली में कितनी नौकरियां निकाल दी आप की सरकार ने, पंजाब पर तो अभी क्या बात करें ४ ही दिन हुए हैं।” गोपीनाथ नाम के यूजर ने लिखा कि “मंत्री बनाने में सोचना समझाना होता है कॉमेडी सर्कस थोड़ी चलाना हैं। अभी शुरू किया है, ज्यादा मत बोलो नहीं तो यूक्रेन के कॉमेडियन शासक जैसा न हो जाए।”

सुमंत कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि “सभी तरह की सरकारी सुविधा लेने की जल्दी थी इसलिए जल्दी से शपथग्रहण समारोह करवा लिया।” दानिश अंसारी नाम के यूजर ने लिखा कि “यही फरक है पढ़े-लिखे और अनपढ़ नेता में।” जय वर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि “जिनको कमाने की जल्दी थी उन्होंने फटाफट सरकार बना ली ताकि कमाई भी जल्दी चालू हो जाए और जिनको राष्ट्र सेवा की चिंता है वह सोच समझकर निर्णय ले रहा है।”