उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elelction) के मद्देनजर 20 फरवरी को तीसरे चरण का मतदान हो रहा है। तीसरे चरण में 59 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। इस बीच कानपुर से चुनाव आचार संह‍िता उल्‍लंघन का मामला सामने आया है। कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय ने निर्वाचन आयोग (Election Commission) के नियमों को तोड़ते हुए मतदान का फोटो शेयर कर दिया। इस पर अब विवाद खड़ा हो गया है।

कानपुर की मेयर ने तोड़ा नियम: मतदान करने पहुंची प्रमिला पाण्डेय (Pramila Panday Kanpur) ने वोटिंग बूथ पर पहुंचकर वोट दिया और फोटो क्लिक कर लिया। फोटो में साफ दिखाई दे रहा है क‍ि वो क‍िस पार्टी को वोट दे रही हैं। प्रमिला पांडेय का फोटो सोशल मीड‍िया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है और लोग अब इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं: संदीप कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि जब मतदान केंद्र के अंदर किसी भी मतदाताओं को मोबाइल फोन लेकर जाने की अनुमति नही है तो फिर मोबाइल लेकर अंदर कैसे चले गए? किसकी अनुमति से फोन को अंदर ले जाने दिया गया? सुनील लाकड़ा नाम के यूजर ने लिखा कि चुनाव आयोग संज्ञान में लें यह, इस तरह की बातें बहुत गलत हैं और सत्ता का दुरुपयोग है।

चन्द्र शेखर नाम के यूजर ने लिखा कि चुनाव आयोग गुलाम है भाजपा का और मोदीजी ने खरीद लिया है। पियूष अग्रवाल नाम के यूजर ने लिखा कि क्या अब चुनाव आयोग अपनी रीढ़ की हड्‌डी दिखाएगा। विपक्ष के लिए तो फौरन कार्रवाई करता है! इबाद अशरफ नाम के यूजर ने लिखा कि चुनाव आयोग तो सिर्फ गुलाम है बीजेपी की और उन्हीं के इशारों पर ही चुनाव आयोग काम कर रहा है, आए दिन बीजेपी के मंत्री अल्पसंख्यक समाज को प्रताड़ित करते है,उनके खिलाफ जहर उगलते है कुछ नहीं होता है। कोई एक्शन नहीं लिया जाता है। कोई NSA,UAPA नहीं लगाया जाता है! चुनाव आयोग की धज्जियां उड़ रही हैं।

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बता दें कि प्रमिला पाण्डेय की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया। कानपुर के डीएम ने इस पूरे मामले पर कहा क‍ि कानपुर में महापौर प्रमिला पांडेय की ओर से हडसन स्कूल मतदान केंद्र में मतदान की गोपनीयता भंग करने के फलस्वरुप उनके विरुद्ध सुसंगत धाराओं में FIR कराई जा रही है।