ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लंबे वक्त तक कांग्रेस के साथ राजनीति करने के बाद बीजेपी का दामन थाम लिया है। उन्होंने अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत कांग्रेस के साथ ही की थी। कुछ कारणों के चलते उनका कांग्रेस से मोहभंग हो गया और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपनी जगह बना ली।

ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस में थे तो वह अक्सर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते रहते थे। कभी किसान आंदोलन के लिए पीएम मोदी पर बरसते दिखते थे तो कभी बेरोजगारी के मुद्दे पर उनको घेरते थे। लोकसभा चुनाव 2019 के पहले अपने एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने राहुल गांधी के बारे में कहा था कि वह हिंदुस्तान में अच्छे दिन लाएंगे। उन्होंने लोकसभा में राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी के गले लगने वाले किस्से पर कहा था कि, ‘पीएम मोदी केवल विदेशी नेताओं को झप्पी देते हैं।’

दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया एक न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम में पहुंचे थे। उनके साथ कांग्रेस नेता सचिन पायलट भी मौजूद थे। इस दौरान एंकर ने ज्योतिरादित्य सिंधिया सवाल पूछा था कि सदन में एक अच्छे भाषण के बाद ऐसा क्या हुआ जो बात आंख मारने पर आ गई थी। सिंधिया ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि यह सरकार केवल प्रचार प्रसार की सरकार है। आगे उन्होंने एंकर के सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि, ‘ आपने जो राहुल जी के भाषण की बात की तो मैं जहां तक समझता हूं कि उन्होंने जो एक तरफ सरकार को पूरी तरह से एक कठघरे में खड़ा कर दिया। दूसरी तरफ उन्होंने कांग्रेस की विचारधारा को पेश किया।’ सिंधिया ने कहा था कि हमारी नफरत की विचारधारा नहीं है। इसी परिपेक्ष में वह स्वयं प्रधानमंत्री जी के पास गए, पर प्रधानमंत्री जी इतने आश्चर्यचकित रह गए कि उनको मालूम ही नहीं था कि राहुल जी क्या कर रहे हैं।

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि जब राहुल ने उनको गले लगाने की कोशिश की उनके चेहरे पर एक ठोस निगरानी लग रही थी। बड़े असमंजस में थे। उन्होंने पीएम पर हमला बोलते हुए कहा था कि वह जब भी केवल तब देते हैं जब उनका मन होता है किसी विदेशी नेता को झप्पी देने का। जानकारी के लिए बता दें कि दो हजार अट्ठारह में राहुल गांधी ने सदन में अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में बोल रहे थे। अपनी बात खत्म होने के बाद राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास जाकर उनसे गले लग गए थे।

बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी में शामिल हुए लगभग डेढ़ वर्ष हो गए हैं। हाल में ही उन्हें मोदी सरकार में उड्डयन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। यह मंत्रालय मिलने के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन पर हमला बोलते हुए कहा था कि एयर इंडिया का लोगो है महाराजा और मोदी सरकार में से बेचने का काम सिंधिया को दिया है। जिसके बाद सिंधिया ने भूपेश बघेल पर एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि, ‘ भूपेश बघेल अपने दामाद का निजी महाविद्यालय बचाने के लिए उसे सरकारी कोष से खरीदने की कोशिश में है। प्रदेश की राशि का उपयोग अपने दामाद के लिए कर रहे हैं। इससे साबित होता है कि कौन बिकाऊ है और कौन टिकाऊ है।’