लखीमपुर खीरी में हुई घटना को लेकर लोग सोशल मीडिया कर लोग योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल खड़े करते नजर आ रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेई ने भी योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि हिरासत से गिरफ्तारी तक, जुर्म नहीं बताएंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि क्या अब नवाबों के शहर में भी पाबंदी होगी?
उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दो ट्वीट करते हुए लिखा, नवाबों के शहर में भी पाबंदी….वो डरते है पर किस किस बात से डरते है वो। एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, हिरासत से गिरफ़्तारी तक…जुर्म नहीं बतायेगें…धारायें नहीं बतायेगें…गिरफ़्तारी का दस्तावेज नहीं देगें…वकील से मुलाक़ात भी नहीं करने देगें, किसी अदालत में पेश भी नहीं करेंगे । जिनके ख़िलाफ़ एफआईआर धाराये; 302,304A,120B,338,179,147,148 पर गिरफ़्तारी किसी की नहीं।
इस घटना में किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी न होने पर तमाम लोग सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने भी योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि मंत्री जी बर्खास्त हों और नवाबजादे को तत्काल पुलिस हिरासत में लिया जाए। सभी जनप्रतिनिधियों पर से मिलने की पाबंदी हटा कर किसानों का दुःख दर्द बाँटने की अनुमति मिले। वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहे चेहरों की पहचान कर उनकी गिरफ़्तारी हो।
पत्रकार रोहणी सिंह लिखती हैं कि अखिलेश यादव नजरबंद हैं, प्रियंका गांधी और दीपेन्द्र हुड्डा पुलिस हिरासत में हैं, एक राज्य के मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर नहीं उतरने दिया जा रहा और राहुल गांधी को आने की अनुमति नहीं है। पर मनीष गुप्ता हों या किसान, उनकी हत्या का एक भी आरोपी पकड़ा नहीं गया है। यही रामराज्य है। फिल्म मेकर विनोद कापड़ी ने पीएम नरेंद्र मोदी से सवाल पूछते हुए कहा है कि मोदी का हाथ , हत्यारे के साथ क्यों ? मोदी के मंत्री अब तक बेटा अब तक फ़रार क्यों?
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने योगी सरकार से आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए लिखती हैं कि उत्तर प्रदेश के मंत्री कहते हैं-जब क़ानून व्यवस्था ठीक होगी तब जाने देंगे लखीमपुर। तो महोदय, क़ानून व्यवस्था टिम्बकटू में तो नहीं, आप ही के हाथ में है। अपनी नाकामी को स्वीकारने का शुक्रिया। मंत्री को बर्खास्त करो, लड़के को गिरफ़्तार करो।