वैसे तो शादी एक ऐसी परंपरा है जिसे दो परिवारों (लड़के और लड़की का) के बीच निभाया जाता है, लेकिन इन दिनों ग्रेटर नोएडा की एक शादी काफी चर्चा का विषय बनी हुई है जहां दो परिवारों के साथ-साथ भारतीय सेना ने भी इस शादी में अहम भूमिका निभाई। सेना की यह भूमिका इतनी खास थी कि जवानों ने लड़की का कन्यादान भी किया। अब आपको यह कहानी भावुक कर देगी क्योंकि यह शादी कोई सामान्य शादी नहीं थी बल्कि एक शहीद की बेटी की शादी थी और सेना के 50 जवान इस शादी में शामिल हुए। सेना के जवानों ने लड़की का कन्यादान किया और हर वह जिम्मेदारी निभाई जो लड़की का पिता और भाई निभाता है।
पंजाब के फिरोजपुर से आई सेना की एक टुकड़ी
दरअसल, 2006 में जम्मू-कश्मीर के बारामूला में एक आतंकी हमले में शहीद हुए सुरेश सिंह भाटी की बेटी की शादी 25 नवंबर 2025 (मंगलवार) को थी। शादी में पिता की कमी तो खलनी ही थी और सेना के जवान इस बात को जानते थे, इसीलिए पंजाब के फिरोजपुर कैंट से एक यूनिट के 50 जवान इस शादी में शामिल होने के लिए डाबरा गांव पहुंच गए। शादी में सेना को देखकर लोग हैरान जरूर हुए लेकिन जब उन्होंने देखा कि सेना के ये सभी जवान सुरेश सिंह की बेटी मुस्कान की शादी में पिता और भाई का फर्जा निभा रहे हैं तो लोग अपनी आंखों से आंसू नहीं रोक पाए। इस शादी का वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है।
लोगों को भावुक कर गया ये पल
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि सेना के जवान मुस्कान की शादी में कन्यदान सहित अन्य रस्में भी निभा रहे हैं। यह शादी न सिर्फ सुरेश सिंह के परिवार के लिए भावनात्मक पल था बल्कि शादी में शामिल होने आए सभी लोगों के लिए यह शादी काफी भावुक करने वाली रही। इस शादी में जो भी शख्स शामिल हुआ वह सेना के जवानों का मुस्कान के लिए स्नेह और दुलार की प्रशंसा कर रहा है। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि सेना के जवानों ने मुस्कान की एंट्री के समय उस चुन्नी को भी पकड़ा जो अधिकतर भाई पकड़ते हैं।
शहीद सुरेश सिंह का बेटा भी है सेना में
शादी में शिरकत करने आए सेना के जवानों ने आगे भी परिवार के साथ हर खुशी और गम में साथ खड़े रहने की बात कही। आपको जानकर हैरानी होगी कि शहीद सुरेश सिंह का बड़़ा बेटा हर्ष भाटी भी सेना में है और अभी कश्मीर के बारामूला में ही तैनात है जहां उसके पिता आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। जवानों ने देश सेवा करने के लिए हर्ष को बधाई दी। साथ ही अपने पिता के पद चिन्हों पर चलने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान जवानों ने शहीद सुरेश सिंह भाटी के बहादुरी के किस्से भी लोगों को बताए।
