Gurugram Couple Pet Dog: गुरुग्राम निवासी कपल जिनका पातलू डॉगी बीते साल नवंबर महीने में खो गई थी, वो अब तीन महीने की तलाश के बाद वापस मिल गई है। तलाश वहीं खत्म हुई जहां से शुरू हुई थी, संगमरमर के शहर में, यमुना के किनारे, ताजमहल के पास उलझे हुए जंगलों में। तीन महीने बाद, इनाम की एक छोटी सी रकम, कई सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालने, ड्रोन निगरानी और कई सुरागों की तलाश के बाद।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार दस साल का भारतीय नस्ल (Indian Breed) की डॉगी ग्रेहाउंड शनिवार शाम को मिल गई। वो तीन महीने पहले आगरा के एक होटल से गायब हो गई थी और शहर में ही कहीं खो गई थी। 3 नवंबर की सुबह, दीपायन घोष और कस्तूरी पात्रा – जो मूल रूप से दिल्ली के हैं और गुड़गांव में रहते हैं – अपने दो कुत्तों, वूफ और ग्रेहाउंड के साथ दिवाली के लॉन्ग वीकएंड पर आगरा के एक होटल में ठहरे थे।
ग्रेहाउंड की तलाश में जुटे हुए थे दंपति
वे फतेहपुर सीकरी घूमने गए थे, तभी होटल से उन्हें फोन किया। स्टाफ ने उन्हें बताया कि ग्रेहाउंड ने अपना पट्टा खिसका दिया। चूंकि गेट खुला था, इस कारण वो कहीं भाग गई। आखिरी बार 5 नवंबर को ताजमहल मेट्रो स्टेशन के पास सुरक्षा फुटेज में उसकी झलक देखी गई थी। कुछ लोगों ने भी उसे देखा था। कुछ लोगों ने कहा कि वो शाहजहां गार्डन तक पहुंच गई थी। लेकिन इससे कुछ हासिल नहीं हुआ। दंपत्ति ने लापरवाही का हवाला देते हुए होटल के खिलाफ मामला दर्ज कराया और पुलिस को बुलाया। वहीं, दीपायन और कस्तूरी खुद भी ग्रेहाउंड की तलाश में जुट गए।
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वे दो सप्ताह तक आगरा में रहे। उन्होंने जासूसों की तरह घर-घर जाकर अपने पालतू डॉगी को ढूंढा। उन्होंने 30,000 रुपये के इनाम की पेशकश की, फिर इसे बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया। हालांकि, कुछ हाथ नहीं आने के बाद वे गुरुग्राम लौट आए। लेकिन आगरा ने उन्हें बार-बार वापस बुलाया। उनकी कार उनका दूसरा घर बन गई, उन्होंने अपनी पालतू डॉगी को ढूंढ निकालने के लिए हर प्रयास किए।
तीन महीने तक, तलाशी ने उन्हें थका दिया। दीपायन ने टाटा समूह में अपनी नौकरी से समय निकाला। जबकि कस्तूरी, एक उद्यमी ने अपना काम एक तरफ रख दिया, अब उनका एकमात्र प्रोजेक्ट वो डॉगी थी, जिसे वे खोने से इनकार कर रहे थे।
पुलिस के खोजी कुत्तों को तैनात किया गया
उन्होंने पूरे शहर में इनाम के पोस्टर चिपकाए गए। गलियों के कोनों पर पर्चे बांटे गए। गंदे मेट्रो स्टेशनों पर निगरानी रखी गई, सुराग के लिए चाय विक्रेताओं को टिप दिए और सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किए गए। उन्होंने घंटों तक सीसीटीवी फुटेज को फिर से चलाया। ड्रोन ने आगरा की भूलभुलैया वाली गलियों की तलाशी ली। पुलिस के खोजी कुत्तों को तैनात किया गया। पहले कई सुझाव आए, जो ज्यादातर झूठे थे। हालांकि, दंपति की उम्मीद कभी कम नहीं हुई।
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फिर, शुक्रवार को, आखिरकार एक ब्रेक मिला। एक पर्यटक गाइड, प्रशांत जैन ने उन्हें फोन किया और कहा कि उसने मेहताब बाग के पास एक डॉगी देखा है जो शायद उनकी हो। वे एक बार फिर आगरा वापस चले गए। उस शाम, बगीचों के पास जंगल में खड़ी होकर, कस्तूरी ने वही किया जो उसने पहले सौ बार किया था- उसने अंधेरे में अपनी डॉगी का नाम पुकारा।
लेकिन इस बार, अंधेरे ने जवाब दिया। कस्तूरी ने कहा, “वो दीपायन की आवाज़ नहीं पहचान पाई। लेकिन जब मैंने उसका नाम पुकारा, तो उसने मेरी आवाज़ सुनी। और फिर वह दुबली-पतली, कमज़ोर, लेकिन दौड़ती हुई भागी।”
सोशल मीडिया पर शेयर एक वीडियो में इस पल को कैद किया गया, दीपायन और कस्तूरी कुत्ते को गोद में लिए हुए थे, उनकी आवाज़ थकान और राहत से कांप रही थी। ग्रेहाउंड, जब खो गई थी, तब उसका वजन लगभग 38 किलो था, लेकिन अब उसका वजन 15 किलो से ज़्यादा कम हो गया था। उसकी पसलियां उसके कोट से सटी हुई थीं।
हम अंतिम रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं : पुलिस
कस्तूरी ने उसे अपनी बाहों में भर लिया और जाने नहीं दिया। उसने कहा, “उसे ढूंढ़ना वाकई एक चमत्कार था। और चमत्कार होते हैं।” पुलिस ने भी अपना बोझ हल्का महसूस किया। एसीपी (ताज सुरक्षा) सईद अरीब अहमद ने कहा, “हमने 100 से ज़्यादा सीसीटीवी की जांच की और डॉगी को शाहजहां गार्डन तक ट्रैक किया। हमारे खोजी कुत्ते और ड्रोन तैनात किए गए थे। जब प्रयास जारी रहे, तो हमें पता चला कि दंपति ने उसे मेहताब बाग के पास पाया था। उन्होंने अब होटल के खिलाफ मामला वापस ले लिया है, और हम अंतिम रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।”
रविवार की सुबह दीपयान और कस्तूरी आगरा से निकल पड़े, ग्रेहाउंड पीछे की सीट पर बैठी थी। तीन महीनों में पहली बार, वे पीछे के शीशे पर नहीं देख रहे थे बल्कि आगरा की अपनी अगली यात्रा की योजना बना रहे थे।