किसान आंदोलन का बड़ा चेहरा रहे राकेश टिकैत और उनके भाई नरेश टिकैत को भारतीय किसान यूनियन संगठन से अलग कर दिया गया है। चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर संगठन में ये बड़ा बदलाव हुआ है। इतना ही नहीं, अब संगठन दो धड़ों में बंट गया है।

राकेश टिकैत और उनके भाई नरेश टिकैत इस बैठक में शामिल नहीं हुए। बताया जा रहा है कि संगठन की बैठक में जितने भी किसान नेता शामिल थे, वो राकेश टिकैत से नाराज थे। उनका आरोप है कि राकेश टिकैत ने आंदोलन का व्यक्तिगत फायदा उठाया। वो अलग-अलग पार्टियों के मंच पर दिखते रहे। सोशल मीडिया पर लोग राकेश टिकैत को संगठन से निकाले जाने पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

गौरव सिंह सेंगर नाम के यूजर ने लिखा, ‘BKU में खेल जारी है,राकेश टिकैत के साथ गेम हो गया। राकेश टिकैत को कोको ले गयी।’ गुरबाज सिंह सिन्धु नाम के यूजर ने लिखा कि ‘पद से हटा दोगे, लोगों के दिल से कैसे हटाओगे?, राजेश चौहान नाम ही पहली बार सुना है।’ विनय झा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ये तो खेला हो गया टिकैत के साथ..अब ये कोई मत बोलना की ये बीजेपी / आरएसएस वालों ने करवाया है।’

राजेंद्र कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि ‘टिकैत जी ने कहा था सरकार बदल देंगे लेकिन यूपी का किसान योगी जी को दिल में लेकर बैठा है, ये तो उल्टा हो गया कि टिकैत जी को बदल दिया, ये बीजेपी की चाल है।’ विवेक पन्त नाम के यूजर ने लिखा कि ‘उनके बारे में कुछ करिये, जिनके पास 1 हेक्टेयर से कम जमीन है। योगेंद्र सिंह योगी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘योगी जी ये क्या ठाकुरवाद खेल रहे हैं, भारतीय किसान यूनियन का अध्यक्ष एक ठाकुर ही बना।’

गोपाल कन्हैया नाम के यूजर ने लिखा कि ‘राकेश हो या नरेश हो. अध्यक्ष बाद में बना लेना,पहले यह तय करो कि किसान आन्दोलन के नाम पर जो फंडिंग हुई उसकी जांच कब कराएगा संगठन?’ विजय राघव सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आपकी असफलता पर वो लोग सबसे तेज ढोल बजाएंगे, जिनके खुद के ढोल फटे हुए हैं।’ ललित नाम के यूजर ने लिखा कि ‘बहुत अच्छा हुआ, कानून वापस लेने पर 90% किसानों को नुकसान हुआ है।’