प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंच गए हैं। इस उद्घाटन को लेकर वाराणसी को पूरी तरह से सजा दिया गया है, वहीं काशी के घाटों पर ढाई लाख दिए भी जलाए जाएंगे। इसकी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा अध्यापकों को दी गई है। इसी को लेकर सोशल मीडिया पर कई लोग बीजेपी सरकार पर तंज कसते नजर आ रहे हैं।

पत्रकार अंकित त्यागी ने एक अध्यापक का वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर शानदार है लेकिन इस कार्यक्रम को और शानदार बनाने के लिए योगी सरकार ने सभी चीजें बंद कर दी है। घाटों पर ढाई लाख दिये जलाने के लिए यूपी के हजारों शिक्षक तैनात हैं। आज बनारस के सरकारी स्कूलों में छुट्टी है।

पूर्व IAS सूर्यप्रताप सिंह ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए लिखा, ” सरकारी स्कूल बंद कर शिक्षकों की ड्यूटी आज घाटों पर दिये जलाने के लिए लगाई गई है। सरकारी तंत्र और जनता के पैसों से बनी संस्था और भाजपा के अधीन है और सरकारी कर्मचारी अब उनके गुलाम। जब चाहें जैसे चाहें दुरुपयोग करें और मीडिया उनका महिमामंडन करता रहे। अच्छे दिन आ गए।”

अनुराग (@anuragdhnda) नाम के एक ट्विटर यूजर ने कमेंट किया कि सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को दिए जलाने में लगा दिया जाता है और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे ज्ञान की रोशनी के लिए तरसते रहते हैं। भाग्या शर्मा (@BhagyaSarma) नाम की एक्टिविटी यूजर ने लिखा कि धर्म जब तक घरों और मंदिरों/ मस्जिदों तक महदुद रहता है, तब तो ठीक है। जब वह राजनीति का औजार बन जाता है तो तबाही ले आता है।

राघवेंद्र दुबे (@raghwendra67) नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं कि यूपी में विकास के नाम पर कुछ किया नहीं तो अब चुनाव के समय भक्ति का भयंकर भक्ति भाव जनता को दिखाना ही पड़ेगा। अनूप यादव नाम के ट्विटर हैंडल से कमेंट किया गया कि हमारे देश की सारी संस्थाएं अब बीजेपी के गुलाम बनती जा रही हैं। गौरतलब है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को लेकर विपक्षी नेता भी पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा रहे हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया है।