दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल त्याग राज स्टेडियम में हैप्पीनेस उत्सव के दौरान अलग ही अंदाज में नजर आए। इस उत्सव के दौरान सीएम ने ढोल बजाया। हैप्पीनेस उत्सव के समापन समारोह में अरविंद केजरीवाल के साथ उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी हिस्सा लिया। वहीं ढोल बजाते दिखे मुख्यमंत्री पर लोग कई तरह के रिएक्शन दे रहे।

अरविंद केजरीवाल ने दिया यह बयान

हैप्पीनेस उत्सव के समापन समारोह में पहुंचे अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, ‘रोज 18 लाख बच्चे एक साथ मेडिटेशन करते हैं। इतने बच्चे जब एक साथ मेडिटेशन करेंगे तो सुबह सुबह दिल्ली में कितनी अच्छी तरंगे फैलती होंगी। बच्चों पर आज पढ़ाई और परिवार का दबाव होता है। दिल्ली के बच्चों का इमोशनल बैलेंस हैप्पीनेस क्लास के कारण अच्छा बना है।

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कही यह बात

समापन समारोह पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज हम शिक्षा के क्षेत्र में जो कुछ भी करते हैं, उसका उद्देश्य देश की तरक्की होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह दिल्ली में सरकार के स्कूल प्रमुख और शिक्षकों ने काम किया है, ठीक उसी तरह पंजाब सरकार के स्कूलों के शिक्षकों को एक शिक्षा मंत्री की तरह सोचने और पंजाब में शिक्षा क्रांति शुरू करने की जरुरत है। उन्होंने शिक्षकों को सुझाव दिया कि वे हमेशा पंजाब के शिक्षा मंत्री के संपर्क में रहें और उन्हें अपने नवाचारों को भेजते रहें।

अरविंद केजरीवाल की तस्वीर पर लोगों के कमेंट

अरविंद केजरीवाल की तस्वीर पर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि वह पीएम नरेंद्र मोदी की नकल कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों ने कहा कि अगर आप दिल्ली वालों के लिए अच्छा काम करेंगे तो वहां की जनता अपने आप खुश रहेगी। डोली नाम की एक यूजर लिखती हैं कि पूरे टाइम मोदी जी की नकल ही करते रहते हैं। शशांक शेखर झा नाम के एक यूजर ने लिखा – जब कोरोना काल में पीएम नरेंद्र मोदी ने थाली और ताली बजाई थी तो इन लोगों ने ही उन्हें क्रिटिसाइज किया था।

मोना पटेल नाम की एक यूजर ने कमेंट किया कि दिल्ली वालों का तबला तो बिजली ने बजा रखा है। रंजीत सिंह लिखते हैं, ‘ये काम मोदीजी करें तो देश की बर्बादी और केजरीवाल करें तो हैप्पीनेस उत्सव बन जाता है’ अभिनव शुक्ला नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि जैसे गुरु वैसे चेला, यह सही में आरएसएस से ही मिले हुए हैं। साहिल नाम के एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा कि यह वही लोग हैं, जो थाली बजाने पर ज्ञान दे रहे थे।