उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच पहले पीएम मोदी का इंटरव्यू टेलीकास्ट किया गया और अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एक इंटरव्यू दिया है। चुनाव के बीच सीएम योगी का इंटरव्यू टेलीकास्ट किए जाने पर सियासी हंगामा मच गया है। विपक्ष सरकार से लेकर चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगा रहा है।
14 फरवरी को जहां उत्तर प्रदेश के कई जिलों में वोटिंग चल रही थी, वहीं दूसरी तरफ सीएम योगी ने ANI को एक इंटरव्यू दिया है। वोटिंग के बीच सीएम योगी के इंटरव्यू देने और टेलीकास्ट किए जाने किए जाने पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा है और तीखा प्रहार किया है।
अजय कुमार लल्लू ने ट्विटर पर लिखा कि मुबारक हो! इस देश में अब लगभग हर संस्थान ने 2 कानून बना लिए हैं। सत्ता पक्ष के लिए अलग और विपक्ष के लिए अलग। गुजरात चुनाव के वक्त चुनाव आयोग को जिस Representation of People’s Act की धाराएं याद आ रही थीं,वो Bare Act दोबारा पढ़ ले चुनाव आयोग। नंगा नाच चल रहा है, धज्जियां उड़ा दीं।
वहीं कुमार विश्वास ने बिना किसी का नाम लेते हुए तंज कसा है। कुमार विश्वास ने ट्विटर पर लिखा कि आयोग शेष + न रहा। पत्रकार दीपक शर्मा ने ट्विटर पर लिखा कि पहले चरण में मोदीजी का चुनावी इंटरव्यू और आज चुनाव के समय योगीजी का सभी चैनल पर प्रसारित इंटरव्यू… REPRESENTATION OF PEOPLE ACT 1951 की धारा 126(3) का उल्लंघन है। ऐसे ही मामले में EC ने राहुल गांधी के विरुद्ध 2017 गुजरात चुनाव में FIR के आदेश दिए थे। पर इस बार EC चुप है!
अखिलेश यादव ने भी सीएम के इंटरव्यू पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी का चेहरा देखो, वैसे 12 तो यहां बाद में बजे लेकिन उनके चेहरे पर 12 सबेरे ही बज गए। रात भर उन्हें नींद नहीं आई.. अगले दिन वोट पड़ना था तो सुबह ही पत्रकार साथियों को बुलाकर इंटरव्यू दे दिया।
वहीं कन्नौज के एक डिग्री कॉलेज में अचार संहिता के बीच स्मार्ट फोन वितरित किए जाने पर कांग्रेस श्रीनिवास वी ने तंज कसते हुए लिखा कि क्या भारत में ‘चुनाव आयोग’ नाम से कोई संस्थान शेष है या BJP राज में अवशेष ही बाकी है?
